
यदि उत्तरप्रदेश के रहने वाले है और आपने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए अपनी जमीन दी है तो सरकार ने ऐसे किसानों को प्राथमिकता दी है. इस परियोजना का सपना पूरा में किसानों ने अपना योगदान दिया, इसलिए सरकार 22,029 किसानों को 2030.29 करोड़ रुपए का मुआवजा देगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद इन किसानों को सम्मानित किया. 20 जून को रखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन होने वाला है जिसमे एक बार फिर इन किसानों के योगदान की चर्चा होगी.
जमीन का हुआ अधिग्रहण
UP का विकास करने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अहम भूमिका निभाएगा. इस काम से सबसे बड़ा सहयोग किसानों का रहा है, जिन्होंने अपनी जमीन दी. गोरखपुर से आजमगढ़ तक 91.35 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के लिए, चार जिलों (गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़) के 172 गाँवों के किसानों से 1148.77 हेक्टेयर ज़मीन ली गई है. जमीन के बदले सरकार ने किसानों को 2,000 करोड़ रुपए से रुपया का मुआवज़ा सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया है.
किसानों ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बनाने में सरकार का पूरा साथ दिया, सरकार उनके सहयोग की खूब सराहना करते है. इस प्रोजेक्ट का काम जनवरी 2020 से शुरू हुआ था.
किसानों को मिला इतना मुआवजा
इस गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बनाने के लिए चार ज़िलों से ज़मीन ली गई है और किसानों को इसके बदले में मुआवजा दिया गया. जाने किस गांव को कितना मुआवजा मिला.
- गोरखपुर: यहाँ के 88 गाँवों से 570.73 हेक्टेयर ज़मीन ली गई और 12,935 किसानों को 1248.28 करोड़ रुपये दिए गए.
- संत कबीर नगर: इस ज़िले के 4 गाँवों से 20.91 हेक्टेयर ज़मीन लेकर 422 किसानों को 15.26 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ.
- अंबेडकरनगर: यहाँ 37 गाँवों की 297.88 हेक्टेयर ज़मीन ली गई, जिसके लिए 4,741 किसानों को 438.04 करोड़ रुपये दिए गए.
- आज़मगढ़: इस ज़िले के 43 गाँवों से 259.25 हेक्टेयर ज़मीन लेकर 3,931 किसानों को 328.71 करोड़ रुपये का मुआवजा मिला.