क्या Google बेचने जा रहा है अपना ब्राउज़र? Chrome को खरीदने की होड़! सुंदर पिचाई ने दिया जवाब

Chrome को लेकर गूगल पर बिक्री की अफवाहें गर्म थीं, लेकिन सुंदर पिचाई ने यह स्पष्ट किया है कि गूगल Chrome को बेचने की स्थिति में नहीं है। यह ब्राउज़र इंटरनेट के बुनियादी ढांचे का हिस्सा है और इसका विकास खुद पिचाई की निगरानी में हुआ है। गूगल का फोकस इनोवेशन और भविष्य में निवेश पर है, जिससे Chrome की भूमिका और मजबूत होती जाएगी।

By GyanOK

क्या Google बेचने जा रहा है अपना ब्राउज़र? Chrome को खरीदने की होड़! सुंदर पिचाई ने दिया जवाब
Chrome

हाल के दिनों में वेब ब्राउज़र क्रोम-Chrome को लेकर चल रही चर्चाओं ने टेक जगत में हलचल मचा दी है। जब से खबरें आईं कि गूगल-Google पर एंटीट्रस्ट (प्रतिस्पर्धा विरोधी) मामलों का दबाव बढ़ रहा है, और कुछ कंपनियां Chrome को खरीदने में रुचि दिखा रही हैं, तब से लोगों के मन में यह सवाल उठने लगा कि क्या गूगल सच में अपने इस लोकप्रिय ब्राउज़र को बेचने जा रहा है? इसी संदर्भ में जब गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब देकर तमाम अटकलों को विराम दिया।

सुंदर पिचाई का स्पष्ट संकेत: Chrome बिकने वाला नहीं है

द वर्ज (The Verge) को दिए गए इंटरव्यू में सुंदर पिचाई से सीधा सवाल किया गया कि अगर किसी मजबूरी में गूगल को Chrome बेचना पड़े, तो क्या कंपनी की बाकी सेवाएं और प्रोडक्ट्स वैसे ही चल पाएंगे? इसके जवाब में पिचाई ने स्पष्ट ‘हां’ या ‘ना’ नहीं कहा, लेकिन उनका जवाब पूरी स्थिति को समझने के लिए काफी था। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि हम उस स्थिति में हैं,” जिससे यह स्पष्ट हो गया कि गूगल Chrome को बेचने की स्थिति की न तो कल्पना कर रहा है और न ही इसकी कोई योजना है।

Chrome की विरासत और उसका इंटरनेट पर असर

Chrome आज सिर्फ एक वेब ब्राउज़र नहीं है, बल्कि इंटरनेट का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। सुंदर पिचाई ने खुद इस ब्राउज़र के विकास में भाग लिया था और उन्होंने बताया कि Chrome सिर्फ गूगल का प्रोडक्ट नहीं है, बल्कि उसने पूरी वेब दुनिया को प्रभावित किया है। Chrome को ओपन-सोर्स किया गया, जिससे Chromium प्लेटफॉर्म की शुरुआत हुई। इसी प्लेटफॉर्म पर Microsoft Edge और Brave जैसे ब्राउज़र भी बनाए गए हैं।

इससे साफ है कि Chrome एक ऐसा इंजन बन गया है जो न केवल गूगल की तकनीकी रीढ़ है, बल्कि वैश्विक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का भी आधार बन चुका है। इसके कोड, इसकी कार्यक्षमता और इसकी यूजर फोकस्ड रणनीतियां वेब को आगे बढ़ाने में मदद करती हैं।

भविष्य की रणनीति और गूगल की सोच

जब सुंदर पिचाई से पूछा गया कि अगर भविष्य में कानूनी स्थितियां बदलती हैं, तो गूगल क्या करेगा, तब भी उनका रुख सकारात्मक और आत्मविश्वास से भरा हुआ था। उन्होंने कहा, “हम एक कंपनी के तौर पर हमेशा निवेश करेंगे, इनोवेशन करेंगे और किसी भी परिस्थिति में एक सफल बिजनेस बनाए रखेंगे।” इसका मतलब है कि गूगल संभावित कानूनी चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार है, लेकिन Chrome को छोड़ने का विचार भी उसके एजेंडे में नहीं है।

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