
गाजियाबाद के राजेंद्र नगर बाबू जगजीवन राम कॉलोनी को एक नोटिस मिला है, नोटिस में कहा गया है, की कॉलोनी के 172 घर 50 साल पहले पार्क की 2,864 वर्ग मीटर जमीन पर बने थे, इसी के बाद गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) नोटिस जारी किया है।
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जीडीए के एक अधिकारी के अनुसार 2023 में एनजीटी याचिका दायर गई थी, जिससे यह मामला रोशनी में आया, मामला अभी भी चल ही रहा है, अधिकारी ने बताया हालाँकि 2024 में तत्कालीन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस मुद्दे पर एक बैठक हुई थी, इसमें निर्णय लिया गया था, की पार्क की जमीन पर बने अवैध ढाचों, मकानों, आरसीसी सड़क और औद्योगिक यूनिक को ध्वस्त कर दिया जाए।
क्यों लिया जा रहा एक्शन
मूल मामले में याचिकाकर्ता सुशील राघव ने कहा की यह कॉलोनी एनजीटी में उनकी याचिका याचिका का हिस्सा नहीं थी, साल 1962 में एक निजी डेवलपर ने सुधार बोर्ड जिसे अब जीडीए खहा जाता है, कॉलोनी का लेआउट पास करवाया था, लेआउट प्लान के अनुसार इस क्षेत्र की 12,040 वर्ग मीटर जमीन पार्क की जमीन के रुप में मार्क की गई थी, और अपने मूल आवेदन में मैने बताया था, की इस क्षेत्र के कुछ औद्योगिक यूनिट ने अपने इस्तेमाल के लिए पार्क में एक सड़क बना ली है।
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मामले में कब होगी अगली सुनवाई
इसी बीच सरकार के वकील ने एनजीटी को बताया की मुख्य सचीव की अध्यक्षता में एक समीक्षा बैठक 13 जुलाई को निर्धारित है, एनजीटी ने इसके लिए समय दिया है, लेकिन इस शर्त के साथ की कार्यवाई रिपोर्ट तीन सप्ताह के अंदर दाखिल की जाए, मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होनी है, लेकिन यह अभी भी तय नहीं है, की जीडीए उससे पहले तोड़फोड़ अभियान चलाएगा, या नहीं।
नोटिस जारी होने से निवासी बैचेन
यह नोटिस सामने आने के बाद कॉलोनी के निवासी परेशान हो गए है, एक निवासी रतन ने कहा हमारा परिवार लगभग 50 सालों से इस कॉलोनी में रह रहे है, और यहां जमीन खरीदने वालों में से कई की मृत्यु हो चुकी है, और इतने सालों बाद हमें बताया जा रहा है, की यह अवैध है, और हमारे घर तोड़ दिए जाएंगे।