भारतीय संस्कृति में मोरपंख (Peacock Feather) को अत्यंत पवित्र और सौभाग्यवर्धक माना गया है। इसे केवल सजावट का साधन नहीं, बल्कि वास्तु शास्त्र और धार्मिक विश्वासों में विशेष स्थान प्राप्त है. मोरपंख को घर में रखने से जुड़ी कई मान्यताएँ हैं, जिनका संबंध धन, समृद्धि, मानसिक शांति और ऊर्जा संतुलन से जोड़ा जाता है.

भारतीय घरों में अक्सर देखा गया है कि लोग मोरपंख (Peacock Feather) को बड़ी श्रद्धा से पूजा स्थलों, मुख्य द्वार या अध्ययन कक्ष में रखते हैं. लेकिन क्या वाकई यह सिर्फ परंपरा है या इसके पीछे कोई तर्क भी है? चलिए इस सवाल को दो नजरिए से समझते हैं वास्तु शास्त्र और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से.
वास्तु शास्त्र में मोरपंख का महत्व
वास्तु शास्त्र जो कि घर में ऊर्जा प्रवाह और संतुलन पर आधारित प्राचीन भारतीय ज्ञान है जो मोरपंख को एक पॉजिटिव एनर्जी उत्पन्न करने वाला माध्यम मानता है. इसके अनुसार मोरपंख घर में लगाने से कई प्रकार के वास्तु दोषों का निवारण हो सकता है.
नेगेटिव एनर्जी का निवारण
माना जाता है कि मोरपंख घर की नेगेटिव एनर्जी को खत्म करके वातावरण को शुद्ध करता है. यह बुरी नजर, तनाव और मानसिक अशांति जैसी नेगेटिव शक्तियों को निष्क्रिय करने में सहायक हो सकता है. मुख्य द्वार पर मोरपंख लगाने से यह एक ऊर्जा कवच की तरह कार्य करता है.
यह भी देखें: नींबू के साथ 7 मिर्च लटकाने की असली वजह? सिर्फ अंधविश्वास नहीं! ये है असल वजह
धन और समृद्धि
दक्षिण-पूर्व दिशा (Agni Kon) में मोरपंख रखने से घर में धन और आर्थिक स्थिरता बनी रहती है. यह दिशा अग्नि तत्व की होती है, जिसे समृद्धि और प्रगति का कारक माना जाता है. इसी प्रकार उत्तर-पश्चिम दिशा (Vayu Kon) में मोरपंख रखने से राहु-केतु के दोषों का निवारण होता है.
कीड़े-मकोड़े भागने के लिए
प्राचीन समय में मोरपंख को किताबों और अनाज के पास रखने की परंपरा थी. माना जाता था कि इससे कीड़े-मकोड़े नहीं आते, देखा गया है की मोरपंख यदि घर में रखा है तो छिपकली घर में नहीं आती, इस व्यावहारिक फायदे के बाद में ये मान्यताओं का हिस्सा बन गया.
विश्वास, विज्ञान और आपकी सोच
वैज्ञानिक रूप से मोरपंख में ऐसी कोई विशेषता सिद्ध नहीं हुई है जो इसे ऊर्जा नियंत्रक या वास्तु दोष निवारक प्रमाणित कर सके. लेकिन यदि आप वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं में विश्वास करते हैं, तो मोरपंख आपके लिए शुभता और ऊर्जा का स्रोत बन सकता है.