
कुछ लोगों को पालतू जानवर से इतना ज्यादा प्यार होता है कि उन्हें घर ले आते हैं. ये पालतू जानवर अलग -अलग तरह के हो सकते हैं. अधिकतर घरों में कुत्ते-बिल्ली रहते है. कई लोग इन्हे सड़कों या कहीं और जगह से उठाकर अपने घर ले आते हैं. लेकिन क्या आप जानते है कि पालतू जानवर रखने के लिए आपको लाइसेंस की ज़रूरत होती है? जी हां, कई जानवरों को पालने के लिए सरकारी लाइसेंस लेना अनिवार्य है. यदि आपके पास लाइसेंस नहीं है और फिर भी आप पालतू जानवर रखते हैं, तो इसके आपको जुर्माना भी भरना पड़ सकता हैं. तो आइए जानते है कौन से जानवरों को घर में रखने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है.
भारत में पालतू जानवर पालने के नए नियम
आज के समय में पालतू जानवर पालना आम हो गया है. किसी भी जानवर को घर ले आना काफी नहीं है, बल्कि आपको उन्हें पालने के लिए लाइसेंस लेना भी ज़रूरी हो गया है. अगर आप बिना लाइसेंस के पालतू जानवर रखते हैं, तो आप मुसीबत में फस सकते है. आपको बता दें कि भारत में अब पेट रजिस्ट्रेशन कानून लागू हो गया है, खासतौर पर दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और कोलकाता जैसे बड़े शहरों में रहने वालों के लिए.
इन पालतू जानवरों का बनाना होगा लाइसेंस
अगर आपके पास पालतू जानवर है तो आपको नगरपालिका से ‘पेट लाइसेंस’ लेना होगा. इस लाइसेंस में आपके जानवर की पूरी जानकारी होती है, जैसे उसका नाम, उम्र, नस्ल, सेहत का रिकॉर्ड और टीके की जानकारी आदि. ये लाइसेंस सिर्फ कुत्तों और बिल्लियों के लिए ही नहीं, बल्कि कबूतर, खरगोश, मुर्गे और छोटी मछलियों जैसे पालतू जानवरों के लिए भी लेना पड़ता है. इसके अलावा अगर आप कोई विदेशी जानवर पालने का सोच रहे हैं, जैसे तोता, स्टार टॉर्टॉइज (कछुआ), इगुआना या साँप, तो इसके लिए आपको एनिमल वेलफेयर बोर्ड या फॉरेस्ट्री डिपार्टमेंट से खास इजाज़त (परमिशन) लेनी होती है.
लाइसेंस न लेने पर पड़ेगा जुर्माना
यदि आपके पास पालतू जानवर है और आपके पास उसका लाइसेंस नहीं हैं तो आप पर 5,000 रुपए का जुर्माना पड़ सकता है. इतना ही नहीं आपके पालतू जानवर को ज़ब्त भी किया जा सकता है. इसलिए पालतू जानवर को घर लाने से पहले उसका लाइसेंस जरूर बनवा लें.