
अगर आपको कोई कहे कि रेलवे के खाली ट्रैक पर सोलर पैनल लगाए गए हैं जिससे बिजली का निर्माण हो रहा है, तो आपको यह बात सच नहीं लगेगी। लेकिन बता दें यह सब हकीकत में हुआ है यह एक सच है। बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) ने देश में पहली बार यह अद्भुद काम किया है। BLW ने ट्रेक के बीच में सोलर पैनल लगाकर नया एक्स्पेरिमेंट किया है। बता दें इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्घाटन महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने स्वतंत्रता दिवस के महत्वपूर्ण अवसर पर किया है। तो चलिए इसके बारे में पूरी जानकारी जानते हैं।
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पहली बार किया अनोखा प्रयोग
भारत में BLW ने पहली बार यह अनोखा प्रयोग किया है जिससे कई यूनिट बिजली मिलने वाली है। इन्होने अपनी वर्कशॉप की लाइन संख्या से 19 पर 70 मीटर लम्बे ट्रैक पर 15 किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल सिस्टम स्थापित किया है जो कि हर दिन लगभग 67 यूनिट बिजली जनरेट कर सकेगा।
अब समझते हैं कि इन पैनल को ट्रेक पर कैसे फिट कर सकेंगे। तो बता दे इन्हे मजबूत तरीके से लगाया जाएगा। एपॉक्सी एडहेसिव की सहायता से सोलर पैनल को कंक्रीट स्लीपर पर मजबूती से चिपकाया जाएगा। इसके साथ रबर माउंटिंग पैड भी लगाए जाएंगे जिससे रेल से होने वाले कंपन को रोका जा सके, इससे पैनल सुरक्षित रहेंगे।
यदि ट्रैक की साफ सफाई करनी होफी तो पैनल को एसएस एलन बोल्ट की सहायता से हटाया जा सकता है।
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ग्रीन एनर्जी रेलवे का उद्देश्य
हरित भविष्य की और कदम बढ़ने के लिए यह प्रयास किया जा रहा है। वर्ष 2030 तक भारतीय रेलवे शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य प्राप्त कर सकेगा यह बात रेलवे के अधिकारियों ने कही है।
इस प्रक्रिया के तहत सोलर पैनल लगभग 1.2 लाख किलोमीटर लम्बे रेलवे ट्रैक पर लगाया जाएगा। सोलर पैनल से जो बिजली निर्मित होगी उसका इस्तेमाल बिजली आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।