
फरीदाबाद के सरकारी स्कूलों के टीचर गर्मी की छुट्टियों के दौरान घर-घर जाकर माता-पिता को अपने बच्चों के दाखिले के लिए प्रोत्साहित करेंगे, यह फैसला शिक्षा निदेशालय द्वारा लिया गया है ताकि अधिक से अधिक बच्चों को सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली से जोड़ा जा सके। इस कार्य योजना के तहत टीचर्स को हर दिन कम से कम 10 माता-पिता से व्यक्तिगत संपर्क करना होगा और उन्हें हरियाणा सरकार के स्कूलों में दी जा रही सुविधाएं, शिक्षा की गुणवत्ता और सरकारी प्रयासों के बारे में विस्तार से जानकारी देनी होगी।
गर्मी की छुट्टियों में भी नहीं रुकेगा काम
1 जून से गर्मी की छुट्टियां शुरू होने के बावजूद, शिक्षा निदेशालय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्कूलों के टीचर्स का कार्य यथावत रहेगा। यह पहल केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक सुनियोजित अभियान है। शिक्षकों को अपने स्कूल के आस-पास की कॉलोनियों, बस्तियों और शहरी क्षेत्रों में जाकर स्कूल जाने योग्य आयु के बच्चों को चिन्हित करना होगा। इसके पश्चात, वे उनके अभिभावकों से मिलकर उन्हें दाखिला प्रक्रिया के प्रति जागरूक करेंगे।
सरकारी स्कूलों में दाखिले की वर्तमान स्थिति
अब तक सरकारी स्कूलों में 2.5 लाख से अधिक छात्रों का दाखिला हो चुका है, लेकिन प्राथमिक स्तर—विशेषकर बाल वाटिका (Pre-Primary) और प्राथमिक कक्षाओं में—दाखिला चुनौती बना हुआ है। अधिकतर माता-पिता जागरूकता की कमी या अस्थायी प्रवास के चलते अपने बच्चों को स्कूल में दाखिल नहीं कराते हैं।
दाखिले कम होने के पीछे प्रवासी मजदूर भी एक कारण
फरीदाबाद, एक औद्योगिक शहर, जहाँ प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में काम करते हैं, वहां यह स्थिति और जटिल हो जाती है। लोग अक्सर ठेकेदारों के अधीन काम करते हैं और जब काम पूरा हो जाता है तो वे अपने परिवार के साथ दूसरी जगह चले जाते हैं। इस लगातार आवाजाही के कारण बच्चों का स्कूल में नियमित दाखिला नहीं हो पाता, जिससे सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या अपेक्षा से कम रहती है।
शिक्षकों की निगरानी और रिपोर्टिंग व्यवस्था
शिक्षा विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि यह अभियान केवल कागज़ी कार्यवाही तक सीमित न रहे। टीचर्स को एक निर्धारित फॉर्मेट में यह दर्ज करना होगा कि उन्होंने किन-किन क्षेत्रों में संपर्क किया, कितने माता-पिता से मिले, कितने बच्चों का सफलतापूर्वक दाखिला कराया गया, और संपर्क किए गए अभिभावकों के मोबाइल नंबर जैसे विवरण भी शामिल होंगे। इस पूरी प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जाएगी, और समय-समय पर रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।