
EPS-95 Pension: क्या आप ईपीएफ पेंशन धारक हैं तो आपके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण खबर है। हाल ही में सरकार ने संसद को एक डेटा भेजा है जिसमें ईपीएफओ की EPS-95 पेंशन योजना के अधिकतर पेंशनरों की दिक्क्त का सामना करना पड़ रहा है। इस बढ़ती महंगाई में हजार रूपए से अपना खर्चा चलाना बहुत मुश्किल हो रहा है। पेंशनर्स बहुत दुखी हैं इससे पता चलता है कि न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग ट्रेड यूनियन क्यों कर रहे थे।
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पेंशनरों की आर्थिक स्थिति ख़राब!
पेंशनरों को हर मिलने वाली पेंशन से जुड़ी जानकारी राजयसभा में श्रम राज्यमंत्री शोभा करंदलाजे ने बताई है। उनका कहना है कि 31 मार्च 2025 तक की बात करें लगभग 81 लाख से अधिक EPS-90 पेंशनरों में से आधे से अधिक पेंशनरों को प्रति माह 1500 रूपए की पेंशन ही मिल रही है। इनमे करीब 49 लाख लोग शामिल है। वहीं 6,000 रूपए से अधिक पेंशन पाने वाले मात्र 0.65 प्रतिशत पेंशनर ही हैं।
यूनियनों ने की 9 हजार रूपए की मांग
श्रम मंत्रालय को भेजी गई 17 सूत्रीय सूची में यूनियनों की मांग को शामिल किया गया है। पेंशनर्स किस स्थिति में अपना गुजारा कर रहे हैं यह देखते हुए ट्रेड यूनियनों ने सरकार से मांग की गए की वह न्यूनतम पेंशन में वृद्धि करें। आजकल की बढ़ती महंगाई में 1,000 रूपए की पेंशन से कुछ नहीं होता है उन्हें इसे 9,000 रूपए प्रति माह करना चाहिए।
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पेंशनरों के लिए महत्वपूर्ण फैसला
जानकारी के लिए बता दें पिछले साल सरकार ने पेंशन के लिए 23,000 करोड़ रूपए से ज्यादा का खर्चा किया है। लगभग 10,000 करोड़ रूपए से ज्यादा ऐसे अकाउंट हैं जो एक्टिव ही नहीं हैं। यूनियन पेंशन बढ़ाने की मांग कब से कर रहें हैं लेकिन इस पर सरकार ने अभी इसका कुछ भी जवाब नहीं दिया है। लेकिन यदि सरकार पेंशन बढ़ाती है तो यह फैसला पेंशनरों के लिए महत्वपूर्ण होने वाला है।
