हायर पेंशन के आवेदन मनमाने ढंग से हो रहे थे खारिज, EPFO ने अफसरों को लगाई फटकार!

EPFO ने हाई पेंशन के आवेदनों को खारिज करने पर अब सख़्त रुख अपनाया है। मनमाने ढंग से आवेदन खारिज नहीं किए जाएंगे और सभी मामलों की जांच CAG व EPFO की टीमें करेंगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मिले 17.49 लाख आवेदनों में से 7.35 लाख खारिज हुए हैं।

By GyanOK

हायर पेंशन के आवेदन मनमाने ढंग से हो रहे थे खारिज, EPFO ने अफसरों को लगाई फटकार!
Higher Pension

EPFO-ईपीएफओ द्वारा उच्च पेंशन (High Pension) के आवेदनों को खारिज किए जाने की बढ़ती शिकायतों को ध्यान में रखते हुए अब संगठन ने क्षेत्रीय कार्यालयों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन-EPFO ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी आवेदन को केवल तकनीकी या छोटी-मोटी त्रुटियों के आधार पर खारिज नहीं किया जाएगा। हर अस्वीकृति का ठोस और न्यायसंगत कारण होना चाहिए और साथ ही आवेदकों को सुधार का अवसर भी मिलना चाहिए। यह निर्देश ऐसे समय में आया है जब EPFO को लाखों हाई पेंशन आवेदनों के खारिज किए जाने पर गहरी आपत्तियाँ और शिकायतें मिली हैं।

EPFO की जवाबदेही बढ़ी

हाई पेंशन के हजारों आवेदन खारिज होने के बाद श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने EPFO को निर्देश दिया है कि सभी खारिज किए गए आवेदनों की लेखा-परीक्षा अब भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) के अधीन विशेष पैनल चार्टर्ड अकाउंटेंट टीम द्वारा की जाएगी। इतना ही नहीं, EPFO को भी अपने स्तर पर इन मामलों की जांच के लिए अलग से ऑडिट टीमें तैनात करनी होंगी, विशेषकर उन मामलों में जहां याचिकाएं दायर हैं या कानूनी प्रक्रिया चल रही है।

केंद्रीय न्यासी बोर्ड का हस्तक्षेप

भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और EPFO के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सदस्य सुंकरी मल्लेशम ने इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया था। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि कई मामलों में बिना किसी उचित कारण के आवेदनों को खारिज कर दिया गया था, जो कि पूरी तरह अनुचित और नियमों के विरुद्ध था। उनके हस्तक्षेप के बाद ही EPFO के केंद्रीय आयुक्त ने इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए सर्कुलर जारी किया और नियमों को दोहराया।

नए सर्कुलर की मुख्य बातें

EPFO ने अपने हालिया सर्कुलर में यह भी बताया है कि कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों द्वारा वेतन सीमा से अधिक योगदान के बावजूद नियमों के अभाव में आवेदन खारिज किए गए। इसके अतिरिक्त कुछ मामलों में मजदूरी (Wage) शब्द की व्याख्या को योजना की सीमाओं से परे जाकर फैलाया गया, जिससे भ्रम की स्थिति उत्पन्न हुई। सबसे चिंताजनक स्थिति तब देखने को मिली जब आवेदन की वेरिफिकेशन प्रक्रिया को खारिज करने के औचित्य के रूप में उपयोग किया गया, जो एक निष्पक्ष प्रक्रिया नहीं मानी जा सकती।

जांच का उद्देश्य और डेटा की सटीकता पर ज़ोर

EPFO ने यह स्पष्ट किया है कि जांच का उद्देश्य सिर्फ त्रुटि निकालना नहीं, बल्कि यह सुनिश्चित करना होना चाहिए कि जिस वेतन पर PF और पेंशन अंशदान दिया गया था, उसी के अनुरूप आंकड़े दर्ज किए गए हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य सत्यापन है, सज़ा देना नहीं।

हाई पेंशन के लिए आवेदनों का आँकड़ा और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद EPFO को कुल 17.49 लाख हाई पेंशन आवेदन प्राप्त हुए थे। इनमें से 7.35 लाख आवेदन अयोग्य घोषित कर दिए गए। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह था कि छूट प्राप्त प्रतिष्ठानों और सार्वजनिक उपक्रमों ने अपने-अपने नियमों में जरूरी संशोधन नहीं किए थे, जिससे पात्रता बाधित हुई।

Author
GyanOK

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें