NEET PG 2025 में तगड़ा ट्विस्ट! अब सिर्फ एक शिफ्ट में एग्जाम—SC के आदेश से मचा हड़कंप!

सुप्रीम कोर्ट ने NEET PG 2025 परीक्षा को लेकर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है—अब देशभर में एक ही शिफ्ट में होगी परीक्षा! दो शिफ्ट्स को बताया गया 'मनमाना और अन्यायपूर्ण'। जानिए क्या होगा इसका असर आपकी रैंक, तैयारी और कटऑफ पर, और क्यों इसे बताया जा रहा है छात्रों के लिए गेम-चेंजर फैसला।

By GyanOK

NEET PG 2025 परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसने लाखों मेडिकल उम्मीदवारों को राहत की सांस दी है। अब यह परीक्षा पूरे देश में सिर्फ एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी। पहले की योजना के अनुसार, यह परीक्षा दो अलग-अलग शिफ्ट्स में होनी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे अस्वीकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि इस फैसले से परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहेगी।

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कोर्ट ने क्यों खारिज की दो शिफ्ट्स वाली योजना

सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक शब्दों में कहा कि एक ही परीक्षा को दो अलग-अलग शिफ्ट्स में आयोजित करना “मनमाना” और “असमान” फैसला है। यह निर्णय न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ द्वारा सुनाया गया, जिसमें उन्होंने NEET PG जैसे प्रतियोगी और उच्च स्तर की परीक्षाओं में निष्पक्षता को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया।

प्रश्नपत्र की कठिनाई में अंतर का मुद्दा

कोर्ट ने यह भी कहा कि जब दो शिफ्ट में परीक्षा होती है, तो भले ही सवालों की संख्या और विषय एक जैसे हों, लेकिन उनके कठिनाई स्तर में अंतर हो सकता है। इससे एक शिफ्ट के उम्मीदवारों को लाभ और दूसरी शिफ्ट के उम्मीदवारों को नुकसान होने की संभावना बन जाती है। यह योग्यता पर आधारित चयन प्रक्रिया के खिलाफ जाता है। इसलिए यह फैसला लिया गया कि परीक्षा 15 जून 2025 को पूरे देश में एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाएगी।

NBE को दिए गए निर्देश

इस फैसले के बाद National Board of Examinations-NBE को आदेश दिया गया है कि वह परीक्षा की समुचित व्यवस्था करे और सुनिश्चित करे कि सभी उम्मीदवारों के लिए एक समान परीक्षा वातावरण उपलब्ध कराया जाए। यह भी कहा गया कि परीक्षा के आयोजन में किसी भी तरह की तकनीकी या व्यवस्थागत दिक्कतों को पूरी तरह से पहले ही सुलझा लिया जाए।

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दूसरी राष्ट्रीय परीक्षाओं का हवाला

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी रेखांकित किया कि UPSC और अन्य राष्ट्रीय स्तरीय परीक्षाएं भी एक ही शिफ्ट में सफलतापूर्वक कराई जाती हैं, और NEET PG जैसी परीक्षा भी इससे अलग नहीं है। इस फैसले को मेडिकल स्टूडेंट्स, अभिभावकों और कोचिंग संस्थानों ने सकारात्मक रूप में लिया है। उनका कहना है कि यह फैसला न केवल योग्यता पर आधारित चयन को मजबूती देगा, बल्कि परीक्षा में पारदर्शिता और विश्वास को भी बढ़ाएगा।

पहले की योजना और कोर्ट की आपत्ति

NBE ने पहले तकनीकी और लॉजिस्टिक कारणों का हवाला देते हुए दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई थी। लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब देश में एक दिन और एक शिफ्ट में करोड़ों छात्रों की बोर्ड परीक्षाएं कराई जा सकती हैं, तो NEET PG को भी एक शिफ्ट में कराना संभव है।

छात्रों की तैयारी पर क्या होगा असर

अब जब परीक्षा एक ही शिफ्ट में होने जा रही है, तो छात्रों को भी अपनी तैयारी उसी हिसाब से करनी चाहिए। समय प्रबंधन, मॉक टेस्ट और लगातार रिवीजन पर ज़ोर देना अब पहले से भी ज़्यादा ज़रूरी हो गया है। सभी उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे परीक्षा से पहले पूरी तरह से मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार हों, ताकि एक ही मौके में अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकें।

इस फैसले का बड़ा संदेश

यह फैसला न केवल छात्रों को बराबरी का मौका देगा, बल्कि आने वाले वर्षों में अन्य परीक्षाओं के लिए भी एक मिसाल कायम करेगा। यह दिखाता है कि न्यायपालिका परीक्षा प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर कितनी गंभीर है।

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