
गुजरात सरकार ने नई शिक्षा नीति 2022 के तहत प्राइमरी स्कूल के बच्चों के लिए अहम फैसला लिया है। इस फैसले के तहत अब हर शनिवार को स्कूलों में ‘नो स्कूल बैग डे’ मनाया जाएगा और यह नियम 5 जुलाई, 2025 से राज्य के सभी सरकारी अनुदानित प्राइमरी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 वीं तक के बच्चों के लिए लागू हो जाएगा। गुजरात के स्कूलों में नया नियम आने से बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ फिजिकल एक्टिविटी भी कारवाई जाएगी, जिससे बच्चों में विकास से जुड़े नए बदलाव देखने को मिलेंगे।
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सभी स्कूलों के लिए निर्देश जारी
राज्य शिक्षा विभाग की और से सभी स्कूलों की सूचना दे दी गई है, की हर शनिवार को नो बैग डे मनाया जाएगा, जिसमें बच्चों को पढ़ाई की जगह फिजिकल एक्टिविटी कारवाई जाएगी। फिजिकल ऐक्टिविटी में योग, मास ड्रिल, प्रोजेक्ट, पेंटिंग, कल्चरल एक्टिविटी, गेम्स, म्यूजिक, टूरिज़्म आदि शामिल है। यह फैसला मुख्य रूप से छोटे बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
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क्या है सरकारी की तैयारी और चुनौतियाँ
गुजरात सरकार ने राज्य के प्राइमरी स्कूली बच्चों के लिए इस नए नियम के तहत प्रत्येक छात्र के लिए मात्र 4.44 प्रति बैगलेस दे का बजट निर्धारित किया है। इसके साथ ही शिक्षकों और स्कूलों को भी निर्देश दिए गए हैं की वह हर शनिवार के लिए एक्टिविटी कैलेंडर तैयार करें और उसमें बच्चों की भागीदारी सुनिश्चित करें। जिससे बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ फिजिकल और क्रिएटिव चीजों से भी जोड़ा जा सकेगा।
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उत्तराखंड में भी लिया गया ये फैसला
गुजरात सरकार की और से नई शिक्षा नीति के तहत लागू नो स्कूल बैग डे नियम से पहले उत्तराखंड में भी यह फैसला लिया गया था। जिससे अब हर महीने के आखरी शनिवार को सरकारी व निजी स्कूलों में बेगलेस डे मनाया जाएगा। इस फैसले से छोटे बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास हो सकेगा।