
दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के अंडर ग्रेजुएट (यूजी) कोर्स में एडमिशन को लेकर एक बड़ा अपडेट सामने आया है। डीयू की और से शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए 17 जून से रजिस्ट्रेशन शुरू कर दी गए हैं। इस साल यूजी में एडमिशन के लिए आवेदन करने वाले छात्र अब मेरिट के लिए दो भाषाओं का चयन कर सकेंगे। ऐसे में एडमिशन नियमों को लेकर हुआ ये बदलाव क्या है और इससे छात्रों को क्या फायदा होगा चलिए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
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क्या है डीयू यूजी का दो लैंग्वेज नियम
DU यूजी एडमिशन को लेकर बदले गए नियमों के मुताबिक अब से कोई भी छात्र मेरिट के लिए दो भाषा विषयों और दो एकेडमिक विषयों का चयन कर सकेगा। यानि जहां पहले एक छात्र अपनी मेरिट बनाने के लिए हिन्दी या अंग्रेजी में से केवल एक ही CUET अंकों का चयन कर सकता था और बाकी तीन विषय एकेडमिक होते थे, फिर चाहे उसके हिन्दी और अंग्रेजी विषय में अन्य विषयों से बेहतर नंबर ही क्यों ना हों वह केवल एक ही विषय चुनने के लिए बाधित था। वहीं अब नई व्यवस्था आने के बाद छात्र हिन्दी और अंग्रेजी दोनों ही विषयों को अपनी मेरिट के लिए चुन सकेगा।
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जिसके अलावा बाकी दो विषय एकेडमिक होंगे, वहीं यदि कोई छात्र/छात्रा पुरानी व्यवस्था के तहत तीन एकेडमिक चुनना चाहता है तो उसे ये सुविधा भी मिलेगी। इस बारे में डीयू के डीन हनीत गांधी ने जानकारी देते हुए कहा की इस बार हमने भाषाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सीयूईटी के लिए दो भाषाओं का चयन करने का विकल्प दिया है।
बिएससी ऑनर्स में एडमिशन नियम भी बदला
इस वर्ष डीयू ने भाषा को लेकर नियम में बदलाव के साथ यूजी दाखिल प्रक्रिया के तहत बीएससी ऑनर्स में एडमिशन नियम भी बदला है। इस नए नियम के मुताबिक जहां पहले बीएससी ऑनर्स में एडमिशन के लिए छात्र जिस भाषा में CUET परीक्षा देंगे, उन्हे उसी भाषा में कम से कम 30 फीसदी अंक लाने होते हैं, वहीं अब कोर्स में एडमिशन के लिए 30 फीसदी नंबरों की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है।
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