
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को खत्म करने की कोशिश कर रहे है. वह ये सोचते है कि ऐसा करने से उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलेगा. लेकिन ऐसा नही है, उनकी बात कोई नहीं सुन रहा है. लड़ाई खत्म होने से बदले और बढ़ रही है. इस युद्ध के वजह से अमेरिका और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. अब ट्रंप ने रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर दी है, जिसे वह “दूसरे चरण” के प्रतिबंध कह रहे हैं. अब इस नए प्रतिबंधों में क्या – क्या होगा.
अमेरिका ने रूस पर लगाए कड़े प्रतिबंध
रूस और यूक्रेन के बीच बहुत समय से युद्ध चल रहा है, जिसे रोकने के लिए अमेरिका ने कई आर्थिक प्रतिबंध लगाए है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर रूस ने युद्ध जारी रखा तो अमेरिका और उसके सहयोगी देश और भी सख्त कदम उठा सकते हैं. पहले अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस के बैंकों, बड़ी कंपनियों और हथियारों के कारोबार पर रोक लगाई थी. जिस वजह से रूस के लिए डॉलर और यूरो में लेन-देन करना बहुत मुश्किल हो गया था.
अगर अब अमेरिका दूसरे चरण का प्रतिबंध लगाता है, तो रूस की अर्थव्यवस्था पर बहुत बड़ी समस्या आ सकती है. र्व अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट के मुताबिक, अगर अमेरिका और यूरोपीय संघ मिलकर रूस से कच्चा तेल खरीदने वाले देशों पर भी प्रतिबंध लगाते हैं, तो रूस की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से बर्बाद हो सकती है.
दूसरे चरण में क्या हो सकता है ?
अगर अमेरिका दूसरा चरण लगाता है तो इसमें रूस से तेल और गैस खरीदने वाले देशों को टारगेट बनाया जा सकता है. इन देशों में भारत और चीन शामिल है, जिन पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाया जा सकता है. ट्रंप प्रशासन का मानना है कि इन प्रतिबंधों से रूस की तेल से होने वाली कमाई में और कमी आएगी, जिसे अमेरिका रूस की युद्ध मशीनरी का मुख्य स्रोत मानता है. दूसरे चरण में भारत को कुल 50% टैरिफ देना पड़ सकता है, क्योंकि ट्रंप पहले ही भारत पर 25% का टैरिफ लगा चुका है.
