
भारत सरकार द्वारा शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना देश के गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इस योजना का उद्देश्य हर व्यक्ति को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, जिसके तहत पात्र नागरिकों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए जरूरी है आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट कार्ड यानी ABHA Card, जिसे अब आप बिना आधार कार्ड के भी बनवा सकते हैं।
बिना आधार कार्ड के ABHA Card कैसे बनाएं?
- सबसे पहले https://abha.abdm.gov.in/abha/v3/ पर जाएं।

- होमपेज पर दिए गए “Create ABHA Number” ऑप्शन को चुनें।
- क्योंकि आपके पास आधार कार्ड नहीं है, तो “Create your ABHA Number using Driving License” विकल्प पर क्लिक करें।

- अब अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और OTP वेरिफिकेशन पूरा करें।
- मांगी गई जानकारी में ड्राइविंग लाइसेंस नंबर दर्ज करें।
- नाम, जन्मतिथि, लिंग आदि की जानकारी सही-सही भरें।
- सभी जानकारी भरने के बाद “Submit” पर क्लिक करें। आपका 14 अंकों का यूनिक ABHA Number जनरेट हो जाएगा।
- कार्ड बनते ही आप उसे डाउनलोड या प्रिंट भी कर सकते हैं।
ABHA Card क्या है और इसके क्या फायदे हैं?
ABHA Card को Ayushman Bharat Health Account Card कहा जाता है। यह एक डिजिटल हेल्थ कार्ड है जिसमें आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री संरक्षित होती है। इसमें 14 अंकों का एक यूनिक नंबर होता है, ठीक आधार कार्ड की तरह। इस कार्ड का उपयोग करके आप किसी भी अस्पताल में बिना फिजिकल मेडिकल फाइल के इलाज करवा सकते हैं, क्योंकि डॉक्टर आपके कार्ड में मौजूद QR Code को स्कैन कर आपकी पूरी मेडिकल जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस कार्ड में दर्ज होती है –
आपका ब्लड ग्रुप, पुरानी बीमारियां, पहले कराए गए इलाज की जानकारी, कौन सी दवाइयां ली हैं और किन डॉक्टरों से इलाज कराया गया है। आपकी पूरी Medical History इसमें Encrypted फॉर्म में रहती है, जिससे आपकी प्राइवेसी भी सुरक्षित रहती है।
ABHA Card के साथ इलाज प्रक्रिया कैसे होती है?
जब आप किसी भी आयुष्मान भारत योजना से जुड़े अस्पताल में इलाज के लिए जाते हैं, तो वहां आपका ABHA Card स्कैन किया जाता है। इससे संबंधित डॉक्टर को आपकी पहले की मेडिकल हिस्ट्री और प्रिस्क्रिप्शंस की जानकारी तुरंत मिल जाती है, जिससे इलाज और भी सटीक और तेज़ हो पाता है। इससे मरीज को बार-बार टेस्ट कराने की जरूरत नहीं पड़ती, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है।