
देश में पिछले कई सालों से Senior Living की डिमांड बढ़ गई है, सीनियर लिविंग एक ऐसा कांसेप्ट है, जिसमें वृद्धि लोगों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए आवास और जीवनशैली विकल्प शामिल है। वहीं आने वाले समय में सीनयर लिविंग के जरिए रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ी तेजी आने की उम्मीद है। CREDAI-KPMG की एक रिपोर्ट की माने तो वर्ष 2024 में 15.7 करोड़ की सीनियर सिटीजन आबादी 2025 तक बढ़कर 34.6 करोड़ तक पहुँच सकती है। ऐसे में चलिए जानते हैं Senior Living में छुपे निवेश और इसकी बढ़ रही डिमांड से जुडी पूरी जानकरी।
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क्या है सीनियर लिविंग का कॉन्सेप्ट
भारत में एक तरफ जहाँ सीनियर सिटीजन्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है, वहीँ दूसरी और लोग न्यूक्लियर फैमिली के कांसेप्ट को अपना रहे हैं, जिसके चलते रिटायरमेंट के बाद अधिकतर अकेले रह रहे वृद्धजनों के लिए सीनियर लिविंग होम्स एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभर रहा है। सीनियर लिविंग होम्स को 60 साल से अधिक आयु वाले लोगों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया जाता है, यहाँ बुजुर्गों को स्वतंत्रता के साथ हेल्थकेयर, कम मेंटिनेंस वाले डेवलप्ड इंफ्रास्ट्रक्टर सुविधाएं और सोशल एंगेजमेंट मिलता है।
2050 तक इतना बढ़ेगा सीनियर लिविंग मार्किट
सीनियर लिविंग को लेकर मोर्डोर इंटेलिजेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2025 तक सीनियर लिविंग मार्किट 2025 में 12.28 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है, वहीं 2028 तक मार्किट के हर साल 10 फीसदी बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा PLPB के सीईओ सुमित सिंगला ने बताया की भारत बड़े डेमोग्राफिक ट्रांसफॉर्मेशन की तरफ बढ़ रहा है। 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग लोगों की बढ़ती संख्या साल 2025 तक बढ़कर 38 करोड़ पहुँच सकता है।
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पांच साल में चार गुना तक होगी बढ़ोतरी
सीईओ सुमित सिंगला के मुताबिक देश में सीनियर लिविंग का मार्कट 1.8 बिलियन डॉलर है और 2030 तक इसे चार गुना बढ़ने की संभावना है। वहीं देशभर में अभी केवल 20 हजार लिविंग यूनिट्स हैं, जबकि मनाग 15-20 लाख यूनिट की है, जिससे डिमांड और सप्लाई के बीच का यह अंतर निवेशकों के लिए अच्छा अवसर है। वहीं आने वाले समय से इससे उन्हें एक अच्छा रिटर्न मिलने की भी उम्मीद है।
क्यों बढ़ रही है सीनियर लिविंग होम्स की डिमांड
समय के साथ सीनियर लिविंग होम्स की डिमांड में तेजी देखी जाएगी, ऐसा इसलिए क्योंकि कई सीनियर ऐसे हैं जिनके बच्चे बेहतर करियर की तलाश में बाहर जाना पसंद करते है। जिसके चलते या तो वह उनके साथ बाहर नहीं रहना चाहते या कई बच्चे अपने बुजुर्ग माता-पिता की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते, ऐसे में बुजुर्ग माता-पिता को बच्चों से दूर रहकर भी हर तरह की अच्छी सुविधाएं मिल सके इसके लिए सीनियर लिविंग होम्स तैयार किए जा रहे हैं। जहाँ उन्हें 24 घंटे नर्स से लेकर हाउस कीपिंग तक हर सुविधाएं दी जाएगी।
दिल्ली-एनसीआर, चंडीगढ़, मुंबई, चेन्नई और बैंगलुरु आदि शहरों में इस तरह की लोकेशन की मांग अधिक बढ़ रही है। वहीं स्पेशल केयर से जुडी जरूरतों के बारे में जारूकता और लंबे समय तक अच्छे रिटर्न की संभावना से यह क्षेत्र आने वाले समय में निवेशकों को आय और कैपिटल ग्रोथ के अच्छे मौके दे रहा है।