बैंकों द्वारा ग्राहकों को सेविंग अकाउंट में न्यूनतम बैलेंस मैन्टेन करने की सलाह दी जाती है, लेकिन अब एक बड़े बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए एक नया फरमान जारी किया है. डेवलपमेंट बैंक ऑफ सिंगापुर (DBS) इंडिया ने अपने खाते धारकों को मैसेज किया है कि अगर वे अपने सेविंग अकाउंट में हर महीने कम से कम 10,000 रुपये का एवरेज बैलेंस नहीं बनाए रखते हैं, तो उन्हें जुर्माना देना होगा.

नया नियम 1 अगस्त से लागू होगा
डीबीएस बैंक ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि 1 अगस्त, 2025 से, अगर किसी भी ग्राहक के सेविंग अकाउंट में औसत मासिक बैलेंस (AMB) 10,000 रुपये से कम रहेगा, तो उस पर 6 प्रतिशत शुल्क लगेगा. हालांकि, यह शुल्क 500 रुपये तक सीमित रहेगा.
बैंक ने इसके बारे में ग्राहकों को SMS के माध्यम से भी सूचित किया है, ताकि कोई भी ग्राहक इस नियम में बदलाव को लेकर अनजान न रहे. डीबीएस बैंक ने इस नियम को लागू करते हुए कहा कि यह शुल्क उनके सेविंग अकाउंट टाइप के आधार पर लागू होगा. इसका मतलब है कि अगर ग्राहक अपने अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस मेंटेन नहीं करते हैं, तो उन्हें शुल्क देना पड़ेगा.
रिजर्व बैंक से जुड़ी अहम जानकारी
इससे पहले, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एटीएम ट्रांजेक्शन फीस बढ़ाने का फैसला लिया था. 1 मई, 2025 से, एटीएम से पैसे निकालने के लिए अधिकतम 23 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है, जो फ्री ट्रांजेक्शन लिमिट खत्म होने के बाद लागू हुआ. इसी तरह के बदलावों के तहत, डीबीएस बैंक ने भी ग्राहकों को सूचित किया है कि अगर वे दूसरे बैंकों के एटीएम से पैसा निकालते हैं, तो हर ट्रांजेक्शन पर 23 रुपये का शुल्क वसूला जाएगा.
क्या इसका असर ग्राहकों पर पड़ेगा?
यह नया नियम ग्राहकों के लिए एक बड़ा बदलाव हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके पास सेविंग अकाउंट में हमेशा 10,000 रुपये का बैलेंस नहीं होता. अब उन्हें बचे हुए बैलेंस पर 6 प्रतिशत शुल्क देना होगा, जो कि अधिकतम 500 रुपये तक हो सकता है.
इस नए नियम के बाद, यह जरूरी हो गया है कि सभी सेविंग अकाउंट होल्डर्स अपने खातों में न्यूनतम 10,000 रुपये का बैलेंस मेंटेन करें, ताकि उन्हें जुर्माना का सामना न करना पड़े.