
हाल ही एक चित फंड कंपनी के व्यापारी लगभग ढाई करोड़ रुपये लेकर भाग गई है, हालांकि यह राशि और बढ़ सकती है. ज्यादा पैसों के लालच में कई व्यापारियों ने अपना और करीबी लोगों का पैसा इस कंपनी में लगाया था. कंपनी के अधिकारियों ने पहले अपना ऑफिस बंद किया, फिर मोबाइल फोन भी बंद कर दिया. इसके बाद एक व्यापारी ने ए कोतवाली थाने में कंपनी के 11 अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. कंपनी का CMD महाराष्ट्र के ठाणे का रहने वाला है और कई अधिकारी वाराणसी से है.
संजय अग्रहरी ने बताया
साल 2017 में संजय अग्रहरी के घर उनके एक जानकार मुरारी मिश्रा, बाबूलाल गुप्ता को साथ लेकर आए. मुरारी ने कहा कि बाबूलाल गुप्ता ‘दि लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी’ से हैं। यह सोसाइटी भारत सरकार के कृषि मंत्रालय में 2012 से रजिस्टर्ड है और इनका हेड ऑफिस इंदौर में है. बाबूलाल गुप्ता ने खुद को इस सोसाइटी का ‘जोनल हेड’ बताया. उन्होंने संजय अग्रहरी बता कि बहुत से लोग इस सोसाइटी में एजेंट बनकर पैसे लगा रहे हैं और दूसरों का भी पैसा लगाकर ज्यादा रुपए कमा रहे है. इसके अलावा बाबूलाल ने यह भी बताया की इस सोसाइटी के CMD समीर अग्रवाल हैं, जो महाराष्ट्र के ठाणे के घुले के रहने वाले हैं.
संजय अग्रहरी ने बाबूलाल पर विश्वास करके एक सोसायटी में पैसा लगाना शुरू कर दिया. पहले उन्हें थोड़ा बहुत प्रॉफिट हुआ. पहले सोसायटी का ऑफिस एल्युमिनियम फैक्ट्री के पास था, जिसे बाद में बशारतपुर में विद्यानन्द यादव के घर ले जाया गया. संजय ने कुल 26 लाख रुपए का निवेश किया, जिसके सर्टिफिकेट भी मिलें. लेकिन उन्हें उनका पैसा वापिस नहीं मिला.
लोगों ने लगाए करोड़ों रुपए
संजय के अलावा भी अजय यादव ने 1.5 लाख रुपए और दूसरों का 2.5 लाख रुपए निवेश किया. इसी तरह ज्योति गुप्ता ने अपने 4 लाख और दूसरों के 51 लाख रुपए निवेश किए. तमन्ना परवीन ने अपने और अन्य निवेशकों के लगभग 34 लाख रुपए निवेश किए. इसी प्रकार से कई लोगों ने लाखों रुपए निवेश किए थे.