भारत में गिरे चीनी मिसाइल के मलबे में क्यों दिलचस्पी ले रहे हैं अमेरिका और फ्रांस? PL-15E की खासियत क्या है?

पाकिस्तान द्वारा भारत पर दागी गई चीनी PL-15E मिसाइल को वायुसेना ने निष्क्रिय कर दिया। इसका मलबा पंजाब में मिला, जिसे अमेरिका, फ्रांस, जापान और Five Eyes देश स्टडी करना चाहते हैं। PL-15E की उन्नत तकनीक ने दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों का ध्यान खींचा है। यह मिसाइल भारत को तकनीकी समझ और भविष्य के रणनीतिक लाभ का अवसर भी प्रदान कर रही है।

By GyanOK

भारत में गिरे चीनी मिसाइल के मलबे में क्यों दिलचस्पी ले रहे हैं अमेरिका और फ्रांस? PL-15E की खासियत क्या है?
China Missile Technology

भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान द्वारा चीनी मिसाइल PL-15E के इस्तेमाल ने न केवल सुरक्षा मामलों में एक नई बहस को जन्म दिया है, बल्कि इसके मलबे की बरामदगी ने विश्व की प्रमुख ताकतों को भी सक्रिय कर दिया है। यह मिसाइल, जिसे भारतीय वायुसेना ने सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया, अब दुनिया भर के रक्षा विशेषज्ञों और खुफिया एजेंसियों के लिए अध्ययन का विषय बन चुकी है। अमेरिका, फ्रांस और जापान जैसे देश अब इस मिसाइल के तकनीकी रहस्यों को जानने के लिए होड़ में हैं।

भारत में बरामद हुआ PL-15E मिसाइल का मलबा

12 मई को भारतीय रक्षा अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में चीनी PL-15E मिसाइल के मलबे को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया। यह मलबा पंजाब के होशियारपुर जिले के एक खेत में पाया गया था, जबकि इसके कुछ अन्य हिस्से राज्य के अन्य इलाकों में भी गिरे। वायुसेना के एयर मार्शल ए.के. भारती ने पुष्टि की कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ इस अत्याधुनिक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल का प्रयोग किया था, जिसे भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने निष्क्रिय कर दिया।

दुनिया भर की दिलचस्पी: क्या है मिसाइल की खासियत?

PL-15E मिसाइल केवल चीन की रक्षा क्षमताओं का एक उदाहरण नहीं है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर एडवांस्ड मिसाइल टेक्नोलॉजी का प्रतीक बन गई है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा के Five Eyes संगठन के साथ-साथ फ्रांस और जापान ने भारत से PL-15E के मलबे तक पहुंच की मांग की है। इन देशों की रुचि का मुख्य कारण है इस मिसाइल की एडवांस टेक्नोलॉजी, जैसे कि AESA रडार, दोतरफा डेटा लिंक, और लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता।

विशेषज्ञों का मानना है कि PL-15E को समझना भविष्य के एयर डिफेंस सिस्टम्स और इंटरसेप्शन टेक्नोलॉजी के विकास में मददगार हो सकता है। मिसाइल में प्रयुक्त AESA (Active Electronically Scanned Array) रडार प्रणाली इसे हवा में उड़ते लक्ष्य पर अत्यंत सटीकता से हमला करने में सक्षम बनाती है। PL-15E, मूल PL-15 मिसाइल का ही छोटा संस्करण है, जिसकी मारक क्षमता 145 किमी तक है जबकि PL-15 की रेंज 200-300 किमी तक मानी जाती है।

फ्रांस और जापान की चिंता: Meteor को टक्कर देती PL-15E

फ्रांस और जापान का PL-15E में विशेष रुचि होना आश्चर्यजनक नहीं है। दोनों देशों ने हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम में भारी निवेश किया है। फ्रांस की Meteor मिसाइल, जो एक रैमजेट प्रोपल्शन सिस्टम और नो-एस्केप ज़ोन जैसी विशेषताओं से युक्त है, को अब PL-15E से सीधी चुनौती मिल रही है।

Meteor की रेंज और सटीकता उच्च कोटि की मानी जाती है, लेकिन PL-15E की लॉन्ग रेंज एंगेजमेंट कैपेबिलिटी और आधुनिक गाइडेंस सिस्टम इसे एक घातक प्रतिस्पर्धी बनाते हैं। इसीलिए फ्रांस PL-15E की स्टडी कर इसके संभावित मुकाबले की रणनीति तैयार करना चाहता है।

PL-15E का तकनीकी खाका

झुहाई एयर शो में प्रदर्शित PL-15E मिसाइल ने चीनी सैन्य तकनीक की उन्नति को उजागर किया। इसका दोतरफा डेटा लिंक, जिससे यह बीच रास्ते में भी लक्ष्य बदल सकती है, और 5960 किमी/घंटा की स्पीड इसे एक हाई-परफॉर्मेंस वेपन बनाती है। इसका इस्तेमाल Su-35 जैसे फाइटर जेट्स के साथ किया जा सकता है और यह लंबी दूरी पर स्थित एयरबॉर्न टार्गेट्स को प्रभावी रूप से नष्ट कर सकती है।

AESA रडार न केवल इसे बेहतर लक्ष्य पहचानने की क्षमता देता है, बल्कि यह इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर के दौरान भी उच्च दक्षता बनाए रखता है। यही कारण है कि फाइव आईज, फ्रांस और जापान जैसे देश इसके रडार सिग्नेचर, मोटर कंपोजिशन और गाइडेंस टेक्नोलॉजी को समझने के लिए इतने उत्सुक हैं।

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