आजकल ऑनलाइन पेमेंट का जमाना है, लेकिन बड़े ट्रांजैक्शन में अभी भी चेक ही दिया जाता है क्योंकि यह एक रिकॉर्डेड और सुरक्षित तरीका माना जाता है, लेकिन कुछ लोग जानबूझकर छोटे बड़े पेमेंट में चेक तो दे देते हैं लेकिन ये चेक बाउंस हो जाते हैं, जिससे सामने वाला धोखा खा जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाउंस चेक के पीछे कितनी बड़ी कानूनी सजा भी हो सकती है?

मामला नहीं बड़ा, सजा वही
चाहे चेक की रकम सिर्फ 1,000 रुपये ही क्यों न हो, अगर वह बाउंस होता है तो यह Negotiable Instruments Act, 1881 की धारा 138 के तहत अपराध माना जाएगा. यानि पैसों को सेंध लगाने पर जुर्माना, जेल या दोनों का सामना करना पड़ सकता है.
कितनी सजा हो सकती है?
- दोषी को 2 साल तक की जेल हो सकती है, या
- चेक की रकम की दोगुनी रकम का जुर्माना लगाया जा सकता है.
- कभी-कभी दोनों जेल और जुर्माना एक साथ भी लग सकता है.
IPC 2023 की धारा 318(4)
अब छोटी रकम के चेक बाउंस पर भी Indian Penal Code 2023 की धारा 318(4) के तहत केस दर्ज किया जा सकता है. इसका मतलब—1,000 रुपए का चेक बाउंस भी उच्च स्तर का कानूनी अपराध माना जा सकता है.
शिकायत करने की समय सीमा बढ़ी
पहले शिकायत सिर्फ 1 महीने में दर्ज करानी होती थी, लेकिन अब यह समय सीमा 3 महीने कर दी गई है, जिससे पीड़ित को थोड़ा सा आराम मिला है. और हां, शिकायत अभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से FIR दर्ज करवाई जा सकती है.
बैंक देगा जानकारी
यदि चेक बाउंस हो जाता है, तो बैंक को 24 घंटे के भीतर दोनों पक्षों चेक देने वाले और चेक धारक को सूचना देना अनिवार्य है. ताकि जरूरी कदम उठायें जा सकें.
इसलिए, अगर आप चेक का इस्तेमाल करते हैं, तो इसे जान-बूझकर और जिम्मेदारी से संभालें वरना कानूनी टेंशन हो सकती है।