चंडीगढ़ प्रशासन ने राशन कार्ड धारकों की लिस्ट को अपडेट करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है. इस अभियान का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि जिन लोगों को राशन का लाभ मिल रहा है, वो वाकई इसके पात्र हों. अब तक 10,000 ऐसे लोग चिन्हित किए गए हैं, जिनके राशन कार्ड कैंसिल किए जा चुके हैं क्योंकि वे अब इसके लिए योग्य नहीं हैं. लेकिन यह केवल शुरुआत है, क्योंकि प्रशासन के पास अभी 44,000 और लोगों के राशन कार्ड की जांच बाकी है.

कौन हैं ये 44,000 लोग?
इन 44,000 राशन कार्डधारकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है. जब अधिकारियों ने इन लोगों के पते पर जाकर उनकी जांच की, तो वे वहां नहीं मिले. e-KYC अभियान के दौरान भी इन लोगों ने विभाग से संपर्क नहीं किया. प्रशासन का मानना है कि ये लोग चंडीगढ़ छोड़कर अन्य जगहों पर बस गए होंगे. अगर वे नई जगह पर पात्रता के नियमों को पूरा करते हैं, तो वहां उन्हें राशन का लाभ मिल सकता है.
ई-केवाईसी करने का उद्देश्य
चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया के निर्देश पर प्रशासन ने पूरे शहर में ई-केवाईसी अभियान चलाने का निर्णय लिया है. इस अभियान के तहत अधिकारियों द्वारा घर-घर जाकर बायोमेट्रिक मशीन से जानकारी इकट्ठी की जाएगी और उसे आधार सर्वर से मिलाकर सत्यापित किया जाएगा. इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वे लोग ही राशन का लाभ उठाएं जो इसके लिए सही पात्र हैं.
सरकार पर पड़ने वाला आर्थिक दबाव
चंडीगढ़ में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) प्रणाली लागू है, जिसके तहत सरकार सीधे लाभार्थियों के खातों में राशन की कीमत भेजती है. इससे प्रशासन का संपर्क लाभार्थियों से कम हो जाता है. इस अभियान के जरिए उन लोगों को हटाया जाएगा जो मर चुके हैं या जिनका चंडीगढ़ में रहने का अधिकार नहीं है. इससे सरकार पर पड़ने वाले 7 करोड़ रुपये के मासिक बोझ को भी कम किया जा सकेगा.
आखिर क्या होगा?
इस पूरी जांच प्रक्रिया के बाद, जो लोग अपात्र पाए जाएंगे, उनके नाम राशन कार्ड की लिस्ट से हटा दिए जाएंगे. प्रशासन का यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि सिर्फ सही पात्र लोग ही राशन का लाभ उठा सकें और इस तरह से सरकार के संसाधनों का सही उपयोग हो सके.