
SAIL के शेयरों (Shares of SAIL) में 29 मई को 3 प्रतिशत की तेज़ी देखी गई जब कंपनी ने मार्च तिमाही (Q4FY25) के मज़बूत वित्तीय नतीजे घोषित किए। प्रति शेयर भाव ₹132 तक पहुंच गया। बीते एक महीने में इस माइनिंग प्रमुख के शेयर में 12 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि इसी अवधि में बेंचमार्क Nifty 50 इंडेक्स केवल 2 प्रतिशत ही चढ़ा।
Q4FY25 में मुनाफे में ज़बरदस्त उछाल
SAIL ने चौथी तिमाही में शानदार मुनाफा दर्ज किया है। कंपनी का नेट प्रॉफिट 393 प्रतिशत QoQ बढ़कर ₹1,251 करोड़ पहुंच गया, जो कि एक साल पहले इसी तिमाही में ₹254 करोड़ था। यह लगभग पाँच गुना बढ़ोतरी है। राजस्व भी 20 प्रतिशत QoQ की दर से बढ़ा और ₹29,316 करोड़ हो गया, जबकि Q3FY25 में यह ₹24,490 करोड़ था।
ऑपरेशनल प्रदर्शन में भी भारी सुधार
ऑपरेशनल स्तर पर भी कंपनी ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है। EBITDA 72 प्रतिशत QoQ की दर से बढ़कर ₹3,484 करोड़ हो गया। EBITDA मार्जिन्स में भी 370 बेसिस पॉइंट्स का सुधार हुआ और यह अब 12 प्रतिशत पर पहुँच गया है।
उत्पादन में उछाल, लेकिन विश्लेषकों की सतर्कता बरकरार
Morgan Stanley ने SAIL के इस प्रदर्शन के बावजूद ‘Underweight’ रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस ₹90 तय किया है। ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि तिमाही में कंपनी का उत्पादन 5.3 मिलियन टन रहा, जो YoY आधार पर 17 प्रतिशत और QoQ आधार पर 20 प्रतिशत की वृद्धि है। यह अनुमानों से कहीं बेहतर है, लेकिन रिपोर्टेड रियलाइजेशन आंकड़े उम्मीद से थोड़े नीचे रहे।
खर्च में कमी और रेवेन्यू में बोनस
कंपनी को रेल प्राइस रिवीजन के ज़रिए ₹690 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हुआ, जो कि FY24–25 के लिए मान्य है। इसके अलावा, कच्चे माल की लागत में गिरावट के चलते प्रति टन ऑपरेशनल खर्च अनुमान से 2 प्रतिशत कम रहा। इसका परिणाम ये हुआ कि SAIL का EBITDA ₹3,480 करोड़ रहा, जो कि अनुमानों से 24 प्रतिशत अधिक है। प्रति टन आधार पर भी EBITDA उम्मीद से ज़्यादा रहा।
एक्सपर्ट का नजरिया
हालांकि यह प्रदर्शन प्रभावशाली रहा, Morgan Stanley का मानना है कि अगर एकमुश्त लाभ को हटाकर देखा जाए तो EBITDA उम्मीद के मुताबिक ही रहा, इसलिए रेटिंग में कोई बदलाव नहीं किया गया।