
देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC यानी Life Insurance Corporation एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार वजह है उसका जबरदस्त मुनाफा। शेयर बाजार में हालिया तेजी के चलते LIC के पोर्टफोलियो की वैल्यू में 1.78 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई है। ये खबर न सिर्फ उन करोड़ों निवेशकों के लिए राहत भरी है, जिनकी मेहनत की कमाई LIC में लगी हुई है, बल्कि यह इस बात का भी संकेत है कि भारतीय शेयर बाजार धीरे-धीरे स्थिरता की ओर लौट रहा है।
बाजार की चाल ने बढ़ाई LIC की कमाई
7 अप्रैल 2025 को जब बाजार अपने हालिया निचले स्तर पर था, उस वक्त LIC के पास मौजूद 206 कंपनियों के शेयरों का मूल्य 13.65 लाख करोड़ रुपये था। लेकिन मई में बाजार की रफ्तार पकड़ने के साथ ही यह वैल्यू 16 मई तक 15.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। यानी सिर्फ डेढ़ महीने में LIC के पोर्टफोलियो में 1.78 लाख करोड़ रुपये की बढ़त हो गई। इससे यह स्पष्ट होता है कि LIC ने शेयर बाजार में 15.43 लाख करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है।
रिलायंस से लेकर HAL तक, कई कंपनियों ने दिया फायदा
इस मुनाफे में सबसे बड़ा योगदान Reliance Industries (RIL) का रहा, जिससे अकेले ही 26,515 करोड़ रुपये की वैल्यू एड हुई। इसके अलावा ITC, जिसमें LIC की 15.52% हिस्सेदारी है, से 5,759 करोड़ रुपये का लाभ हुआ।
Mahindra & Mahindra, Adani Ports, Tech Mahindra, Jio Financial Services, Hindustan Aeronautics (HAL), Tata Motors और Bharat Electronics जैसी कंपनियों ने भी LIC को मजबूत लाभ पहुंचाया। इन कंपनियों से LIC को कुल पोर्टफोलियो में 12% की बढ़त मिली।
30 मई 2024 को LIC का कुल पोर्टफोलियो 16.63 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका था, जिसमें कुल 203 कंपनियों के स्टॉक्स शामिल हैं।
सरकारी कंपनियों और रक्षा क्षेत्र की शानदार भागीदारी
LIC के पोर्टफोलियो में मौजूद शीर्ष 10 सरकारी कंपनियों ने भी कमाल का प्रदर्शन किया, जिससे कुल 14,989 करोड़ रुपये की बढ़त हुई। खासकर रक्षा क्षेत्र की कंपनियों जैसे Hindustan Aeronautics, Bharat Electronics, Bharat Dynamics और Cochin Shipyard ने 28% से 52% तक की बढ़ोतरी दिखाई, जिसने मुनाफे में भारी इजाफा किया।
अंतरराष्ट्रीय संबंध और विदेशी निवेशकों की वापसी
शेयर बाजार में इस सुधार की एक प्रमुख वजह रही है भारत-अमेरिका के बीच व्यापार समझौते के सकारात्मक संकेत और भारत-पाकिस्तान के तनाव में कमी। इससे विदेशी निवेशकों का भरोसा भी फिर से लौटने लगा है। साल 2025 की शुरुआत में जहां उन्होंने 1.16 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की थी, वहीं अप्रैल में 4,243 करोड़ रुपये और मई के पहले 16 दिनों में 27,451 करोड़ रुपये की जबरदस्त खरीदारी दर्ज की गई।
बड़ी कंपनियों में बढ़ा भरोसा, लेकिन मिड-कैप की ओर भी उम्मीद
इन परिस्थितियों में निवेशकों ने Large Cap Stocks को प्राथमिकता दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार की अनिश्चितता के चलते निवेशक फिलहाल सुरक्षित विकल्पों की ओर झुके हैं। लेकिन जैसे-जैसे वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थितियां बेहतर होंगी, Mid-Cap और Small-Cap कंपनियों में भी निवेश बढ़ने की उम्मीद है।
सावधानी जरूरी, बाजार में स्थिरता अभी भी अधूरी
हालांकि, बाजार में आई इस तेजी को लेकर विशेषज्ञ पूरी तरह से आश्वस्त नहीं हैं। उनका मानना है कि अभी भी कमाई की रफ्तार और आर्थिक गतिविधियों में संपूर्ण सुधार नहीं हुआ है। अगर आने वाले महीनों में आर्थिक गतिविधियां गति पकड़ती हैं, तो इससे कंपनियों की आय में भी मजबूती आएगी और निवेशकों को और अच्छा रिटर्न मिल सकता है।