
ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको-British American Tobacco (BAT) Plc ने भारत की अग्रणी कंपनी ITC Ltd में से 2.5% हिस्सा ब्लॉक ट्रेड्स के माध्यम से ₹12,100 करोड़ में बेच दिया है। इस डील के बाद BAT की हिस्सेदारी घटकर 22.9% रह गई है। यह BAT द्वारा पिछले दो वर्षों में ITC में दूसरी बार हिस्सेदारी घटाने का मामला है, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि कंपनी आगे भी इसी तरह अपनी हिस्सेदारी कम करती रहेगी।
यह सौदा ऐसे समय हुआ जब BAT ने मंगलवार को कहा था कि वह ITC में केवल 2.3% हिस्सेदारी बेचेगी, लेकिन असल सौदा अनुमान से थोड़ा अधिक रहा। डील के तहत ITC के शेयर करीब ₹413 प्रति शेयर पर बेचे गए, जिससे शेयर बाजार में भी हलचल देखी गई और ITC के शेयरों में 3.18% की गिरावट आई। शेयर ₹13.2 की गिरावट के साथ ₹420.1 पर बंद हुए। इसके साथ ही कंपनी के शेयर आज से एक्स-डिविडेंड भी हो गए हैं।
BAT का रणनीतिक बदला रुख और शेयर बायबैक योजना
लंदन स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए एक नियामकीय बयान में BAT ने स्पष्ट किया कि इस सौदे से मिली राशि से कंपनी को वित्तीय लचीलापन मिलेगा और वह अपने बदलाव के संकल्प, कर्ज घटाने और शेयरधारकों को रिटर्न बढ़ाने जैसे लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेगी।
इस ब्लॉक ट्रेड से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग BAT अपनी मौजूदा शेयर बायबैक योजना को बढ़ाने के लिए करेगी, जिसकी घोषणा 18 मार्च 2024 को की गई थी। कंपनी ने इसमें अतिरिक्त £200 मिलियन जोड़ने का निर्णय लिया है, जिससे अब 2025 में कुल £1.1 बिलियन के शेयर वापस खरीदे जाएंगे।
ITC पर असर और निवेशकों की चिंता
Nuvama Institutional Securities के अभनीश रॉय ने इस घटनाक्रम को ITC के लिए ‘थोड़ा नकारात्मक’ बताया है क्योंकि इससे एक बार फिर यह आशंका उत्पन्न हो गई है कि BAT आगे भी हिस्सेदारी बेचेगी। रॉय के अनुसार, “अल्पावधि में ITC का स्टॉक ₹400-470 के दायरे में सीमित रह सकता है। अगर कुछ महीनों बाद BAT स्पष्ट करता है कि और कोई हिस्सेदारी नहीं बेचेगा, तब स्टॉक ऊपर जा सकता है।”
BAT का नियंत्रण हुआ कमजोर
यह डील BAT के ITC पर प्रभाव को भी कमजोर करती है। पहले BAT के पास ITC में 29.02% हिस्सेदारी थी, जिससे वह बोर्ड की महत्वपूर्ण विशेष प्रस्तावों पर असर डाल सकता था। किसी भी विशेष प्रस्ताव को पारित करने के लिए 75% वोट की आवश्यकता होती है।
2018 में इसका उदाहरण देखने को मिला, जब ITC कर्मचारियों के लिए स्टॉक विकल्प योजना लाना चाहती थी, लेकिन BAT ने इसे वीटो कर दिया। प्रस्ताव को 63.49% समर्थन मिला, जो 75% से कम था, और इसे पास नहीं किया जा सका।
BAT ने तब साफ कहा था कि वह ऐसे किसी भी प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगा जो उसके शेयरहोल्डिंग को कमजोर करता हो। लेकिन मौजूदा वित्तीय दबाव और शेयरधारकों के दबाव के कारण अब कंपनी को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी है।