
पिछले कुछ सालों में बाजार की अस्थिरता और इक्विटी निवेश के जोखिमों को देखते हुए भारत के अमीर निवेशकों ने अपने निवेश पोर्टफोलियो में बड़ा बदलाव किया है। अब वे पारंपरिक निवेश जैसे शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड-Mutual Fund को छोड़कर एक बार फिर रियल एस्टेट-Real Estate की ओर लौट रहे हैं। खासकर हाई-नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) और अल्ट्रा रिच वर्ग अब हाई-वैल्यू संपत्तियों को प्राथमिकता दे रहे हैं, जहां स्थिर रिटर्न के साथ-साथ लॉन्ग-टर्म वैल्यू ग्रोथ की संभावना अधिक मानी जा रही है।
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₹25,000 करोड़ से ज़्यादा की लग्जरी प्रॉपर्टी डील्स
रिपोर्ट्स की मानें तो बीते तीन वर्षों में मुंबई के कारमाइकल रोड, दिल्ली के लुटियंस ज़ोन और गोवा जैसे लग्जरी लोकेशन्स पर कुल ₹25,000 करोड़ से भी अधिक की हाई-एंड प्रॉपर्टी डील्स दर्ज हुई हैं। अकेले 2024 में ही ₹11,000 करोड़ की लग्जरी संपत्तियां खरीदी गईं, जो साल 2023 की तुलना में 90% अधिक है। ये आंकड़े बताते हैं कि अमीर वर्ग अब बाजार की उठापटक से परेशान होकर ऐसी संपत्तियों में निवेश कर रहा है जो स्थिर और वास्तविक हों।
रियल एस्टेट क्यों बना पसंदीदा विकल्प?
म्यूचुअल फंड-Mutual Fund और शेयरों-Shares के मुकाबले रियल एस्टेट में निवेश से tangible asset मिलता है जो समय के साथ बढ़ता है और किराये की आमदनी के जरिए अतिरिक्त इनकम भी देता है। एक बड़ा कारण यह भी है कि जब ब्याज दरें स्थिर हों और सरकारी नीतियां रियल एस्टेट को बढ़ावा दे रही हों, तब इस सेक्टर में निवेश आकर्षक बन जाता है। यही वजह है कि अब कई निवेशक ₹5 करोड़ तक का निवेश कर 7-10 वर्षों में उसे ₹12-14 करोड़ तक ले जाने की योजना बना रहे हैं।
टियर-2 शहरों में भी दिखने लगी है हलचल
दिलचस्प बात यह है कि यह बदलाव सिर्फ मेट्रो सिटीज़ तक सीमित नहीं है। पुणे, अहमदाबाद, चंडीगढ़, गोवा और जयपुर जैसे टियर-2 शहरों में भी हाई-एंड रियल एस्टेट की मांग तेजी से बढ़ रही है। कई निवेशकों ने सेकेंड होम, हॉलीडे होम्स और हेरिटेज प्रॉपर्टीज़ में पैसा लगाया है ताकि वे न सिर्फ बेहतर रिटर्न कमा सकें, बल्कि इनका उपयोग खुद के लिए भी कर सकें।
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बाजार की अस्थिरता ने बदली सोच
शेयर बाजार की बात करें तो बीते एक साल में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) द्वारा की गई बिकवाली और सेक्टर आधारित उतार-चढ़ाव ने निवेशकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। वहीं, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में भी एक जैसी स्कीमों की भरमार और अपेक्षित रिटर्न में गिरावट ने अमीर निवेशकों का भरोसा डगमाया है। ऐसे में वे ऐसे एसेट्स की तलाश में हैं जो न केवल लॉन्ग टर्म में सुरक्षित हों, बल्कि उन्हें प्रॉपर्टी टैक्स, डिप्रिशिएशन और अन्य टैक्स इंसेंटिव्स का फायदा भी दे सकें।
रियल एस्टेट
इसके अलावा, अमीर निवेशकों के पास एक और बड़ा लाभ यह होता है कि वे अपनी प्रॉपर्टी को सिर्फ किराये पर देने के लिए नहीं, बल्कि ब्रांडेड रेसिडेंशियल, कमर्शियल और हॉलिडे सेगमेंट्स में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बहुआयामी निवेश उन्हें न सिर्फ वित्तीय रूप से लाभ देता है, बल्कि प्रतिष्ठा और लाइफस्टाइल के स्तर को भी ऊपर उठाता है।
वर्तमान बाजार ट्रेंड में रियल एस्टेट का उभरता भविष्य
इस समय जहां आईपीओ-IPO मार्केट में उतार-चढ़ाव है और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy जैसे सेक्टर्स में वोलैटिलिटी देखी जा रही है, वहीं रियल एस्टेट-Real Estate एक ऐसा विकल्प बनकर उभरा है जो दीर्घकालिक रूप से सुरक्षित और स्थिर रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है। खासकर ऐसे समय में जब भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ मजबूत बनी हुई है, शहरीकरण बढ़ रहा है और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को सरकार की तरफ से समर्थन मिल रहा है, तब यह सेक्टर अमीरों के लिए ‘go-to investment destination’ बनता जा रहा है।
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