
सरकार ने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने को लेकर एक बड़ा बदलाव किया है. सरकार ने 12 जून 2025 को एक आधिकारिक नोटिस जारी किया, जिसके तहत अब सभी अस्पतालों, खासकर सरकारी अस्पतालों को बच्चे के जन्म के तुरंत बाद मां को जन्म प्रमाण पत्र देना होगा. यानी की डिस्चार्ज होने से पहले Birth Certificate बना जाना चाहिए. पहले जन्म प्रमाण बनाने में कई गड़बड़ियाँ पाई गई थीं, जिसके बाद से यह फैसला लिया गया. पहले भी रजिस्ट्रार कार्यालय ने हॉस्पिटल को चेतावनी दी थी और अब इस नए आदेश से यह सुनिश्चित कर दिया कि जन्म के बाद ही प्रमाण पत्र देना ज़रूरी है.
अब अस्पताल से छुट्टी से पहले मिलेगा जन्म प्रमाण पत्र
पहले लोगों को अपने बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए बार -बार हॉस्पिटल के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन 2023 में बने नए नियम के अनुसार, भारत के रजिस्ट्रार जनरल ने जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया को और आसान कर दिया है. अब बच्चे के पैदा होने के बाद जैसे ही उसका पंजीकरण होता है तो रजिस्ट्रार को 7 दिनों के अंदर इलेक्ट्रॉनिक या किसी दूसरे तरीके से जन्म प्रमाण पत्र जारी करना होगा.
सबसे खास बात यह है कि अस्पताल को यह बताया होगा कि बच्चे की माँ को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही जन्म प्रमाण पत्र सौंप दिया. ऐसा करने से माता-पिता को बाद में Birth Certificate के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
आम नागरिकों को मिलेगी सुविधा
सरकार के इस नए आदेश से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया काफी सरल हो जाएगी. इस नए बदलाव का उद्देश्य बच्चे का जन्म होते ही उसका रजिस्ट्रेशन हो जाए और जन्म प्रमाण पत्र तुरंत जारी कर दिया जाए, ताकि माँ को अस्पताल से छुट्टी मिलने से पहले ही यह मिल जाए. रजिस्ट्रार जनरल ने कहा कि इस बदलाव के लिए 1969 के जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में संशोधन किए गए हैं, राज्य के नियमों में बदलाव किए गए हैं, और एक नया CRS पोर्टल भी बनाया गया है. सरकार का यह नया नियम पूरे देश में लागू होगा, जिसमे सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल शामिल है.