MP के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी! भोपाल-देवास हाईवे होगा सिक्स लेन, 4000 करोड़ रुपये होगी लागत

भोपाल-देवास हाईवे का कायाकल्प अब निश्चित है। 149 किलोमीटर लंबे इस हाईवे को सिक्सलेन में बदला जाएगा, जिसकी लागत 4,000 करोड़ रुपये होगी। रोज़ाना गुजरने वाले 30,000 वाहनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए फ्लाईओवर और ओवरब्रिज बनाए जाएंगे। दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रैफिक फ्लो को बेहतर बनाने के लिए यह प्रोजेक्ट एक अहम पहल है। सर्वे कार्य शुरू हो चुका है, और जल्द ही निर्माण कार्य भी शुरू होगा।

By GyanOK

MP के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी! भोपाल-देवास हाईवे होगा सिक्स लेन, 4000 करोड़ रुपये होगी लागत
Bhopal-Dewas Highway

भोपाल-देवास हाईवे-Bhopal-Dewas Highway को अब नया रूप मिलने जा रहा है। मध्यप्रदेश सरकार ने इस महत्त्वपूर्ण मार्ग को सिक्स लेन हाईवे में परिवर्तित करने की योजना बनाई है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपये होगी। इस परियोजना को लेकर MPRDC (मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम) ने सर्वे कार्य शुरू कर दिया है और इसकी योजना विभिन्न मॉडलों – BOT, Hybrid Annuity या EPC – में से किसी एक के अंतर्गत क्रियान्वित की जाएगी।

यह हाईवे वर्ष 2010 में फोरलेन के रूप में तैयार किया गया था और तब से लेकर अब तक इस मार्ग पर वाहन संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ है। हर दिन लगभग 30,000 वाहन इस हाईवे से गुजरते हैं। ऐसे में सिक्स लेन के साथ फ्लाईओवर और ओवरपास की आवश्यकता अब अत्यधिक महसूस की जा रही है।

वाहन बढ़े, दुर्घटनाएं भी बढ़ीं

बीते 8-10 वर्षों में भोपाल से देवास के बीच यात्रियों और मालवाहक वाहनों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। वर्तमान में इस हाईवे पर ओवरब्रिज की कमी, गांवों के पास बने कट पाइंट, और ढाबों के सामने की अवैध क्रॉसिंग सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण बन रही हैं। यही वजह है कि इस नए सिक्सलेन प्रोजेक्ट के अंतर्गत विशेष रूप से ओवरब्रिज और सेफ क्रॉसिंग के निर्माण पर ध्यान दिया जा रहा है।

हादसों के ‘हॉटस्पॉट’ चिन्हित

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इस हाईवे पर सोंडा, अमलाह, कोठारी, बेदखेड़ी, किलेरामा, चौपाटी, पगारियारामां, जिला जोड़, डोडी जोड़, जावर, सेमलीबारी और मेहतवाड़ा जैसे स्थानों पर सबसे अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। चौपाटी पर तो पहले से ही सिक्स लेन ओवरब्रिज की योजना बनाई जा चुकी है और इस संबंध में सर्वे भी पूरा हो चुका है।

गांव के जोड़ बनते हैं मौत के जाल

वर्ष 2010 में जब यह फोरलेन बना था, तब गांवों के पास ओवरब्रिज नहीं बनाए गए थे। इसका नतीजा यह हुआ कि अधिकांश दुर्घटनाएं गांवों के जोड़ और अनधिकृत क्रॉसिंग के पास होने लगीं। अब सरकार नए प्रोजेक्ट में इन कमियों को दूर करने की दिशा में ठोस प्रयास कर रही है। योजना के अनुसार हर प्रमुख गांव और कस्बे के पास ओवरब्रिज और सुरक्षित कटिंग बनाई जाएगी ताकि दुर्घटनाओं की दर में कमी लाई जा सके।

टोल वसूली और अनुबंध की स्थिति

वर्तमान में भोपाल-देवास हाईवे पर तीन स्थानों पर टोल टैक्स वसूला जाता है – भोपाल-सीहोर, सीहोर-आष्टा और सोनकच्छ-देवास। इन टोल प्लाज़ा का अनुबंध निर्माण कंपनी के साथ वर्ष 2033 तक का है। कोविड काल में यातायात में आई गिरावट के कारण इस अवधि में 257 दिनों की बढ़ोतरी भी की गई है।

MPRDC के एमडी भारत यादव के अनुसार, हाईवे पर वाहनों का भारी दबाव है, जिसे देखते हुए इसे शीघ्र सिक्सलेन में बदलने की प्रक्रिया तेज़ कर दी गई है।

सवाल: भोपाल-देवास हाईवे का नया प्रोजेक्ट कब शुरू होगा?

जवाब: अभी परियोजना सर्वे चरण में है, राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद निर्माण की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।

सवाल: इस प्रोजेक्ट में क्या बदलाव होंगे?

जवाब: हाईवे को फोरलेन से सिक्सलेन में बदला जाएगा, साथ ही कई स्थानों पर ओवरब्रिज, फ्लाईओवर और सुरक्षित क्रॉसिंग बनाए जाएंगे।

सवाल: इस प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत कितनी है?

जवाब: इस हाईवे को सिक्सलेन में बदलने की अनुमानित लागत लगभग 4,000 करोड़ रुपये है।

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