
बेंगलुरु, जो स्टार्टअप और नई चीजों का शहर है, वहाँ हाल ही में एक मज़ेदार चीज़ हुई। एक महिला ने उबर कैब बुलाई और जब कैब आई तो वह देखकर चौंक गई कि ड्राइवर कोई और नहीं, बल्कि उसकी ऑफिस का टीम लीडर था। इस घटना ने सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोरी और यह दिखाता है कि इस शहर में काम और ज़िंदगी कितनी आपस में जुड़ी हुई है।
ऑफिस टीम लीड निकला Uber ड्राइवर
महिला ने जैसे ही कैब में कदम रखा, सामने बैठे ड्राइवर को पहचानने में उसे पलभर लगा। वह कोई और नहीं, बल्कि उसका खुद का ऑफिस टीम लीड था। चौंककर उसने पूछा, “आप कैब क्यों चला रहे हैं?” तो जवाब मिला, “ये बस टाइमपास है। पैसे के लिए नहीं, बल्कि खुद को व्यस्त रखने के लिए करता हूँ।” यह जवाब आज की उस युवा पीढ़ी की सोच को दर्शाता है, जो केवल नौकरी तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि जीवन को नए एंगल से जीने में विश्वास करती है।
बेंगलुरु की वर्क
यह घटना केवल एक संयोग नहीं, बल्कि बेंगलुरु की कार्यशैली का एक प्रतिबिंब है। आजकल कई प्रोफेशनल्स, चाहे वे सॉफ्टवेयर इंजीनियर हों या मैनेजर्स, वीकेंड्स या ऑफ टाइम में पार्ट-टाइम जॉब्स करते देखे जाते हैं। यह कोई मजबूरी नहीं, बल्कि एक चॉइस है — एक ऐसा निर्णय जो उन्हें रूटीन से बाहर निकालता है और मानसिक रूप से तरोताज़ा रखता है।
सोशल मीडिया पर छाया ‘पीक बेंगलुरु मोमेंट’
Peak Bangalore moment? pic.twitter.com/9lnPOz8O1r
— purpleready (@epicnephrin_e) May 22, 2025
@epicnephrin_e नामक ट्विटर यूजर द्वारा शेयर की गई इस बातचीत की स्क्रीनशॉट ने हजारों लाइक्स और रीट्वीट्स बटोरे हैं। इसे ‘Peak Bengaluru Moment’ कहा जा रहा है। कुछ यूजर्स ने लिखा कि “बेंगलुरु में कुछ भी संभव है,” तो किसी ने कहा, “IITians से लेकर CXOs तक, सभी कैब चलाते मिल सकते हैं।” यह घटना सोशल मीडिया पर एक मजेदार, लेकिन विचारणीय ट्रेंड की शुरुआत बन गई है।
ट्रैफिक और टाइम मैनेजमेंट
लोगों ने सवाल उठाया कि बेंगलुरु के भयंकर ट्रैफिक में कोई टाइमपास के लिए कैब कैसे चला सकता है? लेकिन शायद यही शहर की खूबी है — जहां काम और जीवन के बीच सीमाएं धुंधली हो जाती हैं। यहां के निवासी काम को केवल कमाई का जरिया नहीं, बल्कि एक अनुभव मानते हैं, जिसे वे नई-नई चीज़ों से समृद्ध करना चाहते हैं।