
बड़ा मंगल 2025 हिंदू धर्म में एक बेहद खास अवसर माना जाता है, जो ज्येष्ठ मास के मंगलवार को मनाया जाता है। यह दिन भगवान हनुमान जी की उपासना और भक्ति के लिए समर्पित है। बड़े मंगल के दिन सुंदरकांड का पाठ करना एक प्राचीन परंपरा है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। सुंदरकांड, जो कि रामचरितमानस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, हनुमान जी की बहादुरी, भक्ति, और राम के प्रति उनकी निष्ठा को दर्शाता है। इस पाठ का विशेष महत्व बड़े मंगल के अवसर पर और भी बढ़ जाता है क्योंकि यह दिन मंगल ग्रह की शुभ ऊर्जा से जुड़ा होता है।
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सुंदरकांड पाठ के आध्यात्मिक और मानसिक लाभ
सुंदरकांड का पाठ बड़े मंगल पर करने से कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ प्राप्त होते हैं। सबसे पहले यह पाठ मानसिक शांति प्रदान करता है और भय, चिंता तथा तनाव को दूर करता है। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्तों को जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे उनकी समस्याएं कम हो जाती हैं और बिगड़े काम बनने लगते हैं। इसके अलावा, यह पाठ घर में सुख-शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बड़े मंगल पर सुंदरकांड का पाठ मंगल दोष को भी कम करने में सहायक होता है, जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बाधाएं उत्पन्न करता है।
हनुमान जी की प्रसन्नता के लिए बड़ा मंगल
हनुमान जी की कृपा पाने के लिए बड़े मंगल को एक विशेष दिन माना जाता है। इस दिन सुंदरकांड का पाठ भक्तों के लिए एक तरह से भगवान हनुमान जी की प्रसन्नता का माध्यम बन जाता है। जो लोग जीवन में कठिनाइयों, मानसिक तनाव या भय का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह पाठ विशेष रूप से फायदेमंद साबित होता है। साथ ही, सुंदरकांड का नियमित पाठ करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और मनोबल मजबूत होता है, जो जीवन की चुनौतियों से निपटने में मदद करता है। बड़े मंगल के दिन सामूहिक रूप से मंदिरों में सुंदरकांड का पाठ करने का भी विशेष महत्व होता है, क्योंकि सामूहिक भक्ति से आशीर्वाद की प्राप्ति बढ़ती है।
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सुंदरकांड का आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक दृष्टिकोण से देखें तो सुंदरकांड केवल एक कथा पाठ नहीं, बल्कि यह भक्तों को आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक विकास की ओर ले जाने वाला मार्ग है। इस पाठ में हनुमान जी के चरित्र के अनेक गुणों का वर्णन है, जो हमें जीवन में साहस, समर्पण और धैर्य का संदेश देते हैं। बड़ा मंगल के दिन सुंदरकांड पढ़ने से व्यक्ति की श्रद्धा और भक्ति की भावना प्रगाढ़ होती है, जो मानसिक और आध्यात्मिक दोनों ही स्तरों पर लाभकारी होती है। इसके साथ ही, यह दिन नए कार्यों की शुरुआत के लिए भी शुभ माना जाता है, क्योंकि इस दिन किया गया कार्य सफलता प्राप्त करता है।
कैसे करें सुंदरकांड का पाठ बड़े मंगल पर
बड़े मंगल पर सुंदरकांड का पाठ स्वयं किया जा सकता है या नजदीकी हनुमान मंदिर में जाकर सामूहिक भक्ति में सम्मिलित हुआ जा सकता है। इस अवसर पर भक्ति गीत, हनुमान चालीसा का पाठ और हनुमान जी की पूजा अर्चना भी की जाती है, जो संपूर्ण दिन को एक आध्यात्मिक वातावरण में बदल देती है। यह दिन न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए भी प्रेरणा देता है। इसलिए, बड़े मंगल पर सुंदरकांड पाठ की परंपरा को निभाना अत्यंत लाभकारी और फलदायी माना जाता है।
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