
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस द्वारा विकसित ट्रैफिक प्रहरी-Traffic Prahari ऐप इन दिनों सोशल मीडिया और ड्राइविंग कम्युनिटी के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ऐसा माना जा रहा है कि इस ऐप को ऑन करने मात्र से चालान से पूरी तरह छुटकारा मिल सकता है, लेकिन वास्तविकता इससे थोड़ी अलग है। यह ऐप सीधे तौर पर चालान माफ नहीं करता, बल्कि ड्राइवरों को ट्रैफिक नियमों की निगरानी में भागीदारी का अवसर देता है, जिसके बदले उन्हें नगद इनाम मिलता है।
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ऐप का मुख्य उद्देश्य क्या है?
ट्रैफिक प्रहरी ऐप का उद्देश्य नागरिकों को ट्रैफिक पुलिस की मदद करने के लिए प्रेरित करना है। अगर कोई व्यक्ति ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन होते हुए देखता है, तो वह इस ऐप के माध्यम से फोटो या वीडियो सबूत के तौर पर अपलोड कर सकता है। ये सबूत ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंचते हैं, जो कि फिर संबंधित व्यक्ति पर जुर्माना लगा सकती है। यह व्यवस्था 1 सितंबर 2024 को लॉन्च हुई थी और अब तक हजारों रिपोर्ट्स इस ऐप के माध्यम से दर्ज की जा चुकी हैं।
रिपोर्टिंग से मिलता है मोटा इनाम
ट्रैफिक प्रहरी के जरिए यदि कोई नागरिक लगातार ट्रैफिक उल्लंघन की रिपोर्ट करता है, तो उसे महीने के अंत में ₹10,000 से ₹50,000 तक का इनाम दिया जा सकता है। यह इनाम दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से नकद स्वरूप में दिया जाता है। इस तरह, जो लोग सक्रिय रूप से ऐप का उपयोग कर रहे हैं, वे सिर्फ सामाजिक उत्तरदायित्व निभा रहे हैं बल्कि साथ ही साथ आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं।
क्या यह ऐप चालान को माफ करता है?
अब बात करते हैं उस दावे की, जिसमें कहा गया है कि इस ऐप के जरिए 100% चालान माफ हो सकता है। सच्चाई यह है कि ट्रैफिक प्रहरी ऐप का कार्यक्षेत्र केवल निगरानी और रिपोर्टिंग तक सीमित है। अगर किसी पर चालान लगा है, तो वह सीधे तौर पर इस ऐप के माध्यम से माफ नहीं हो सकता। हालांकि, लोक अदालत-Lok Adalat एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां चालान को कम या माफ कराया जा सकता है।
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लोक अदालत से चालान में कैसे मिलती है छूट?
लोक अदालत में अपने चालान को निपटाने के लिए सबसे पहले संबंधित राज्य की विधिक सेवा प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाना होता है। वहां से रजिस्ट्रेशन कर अपॉइंटमेंट बुक किया जा सकता है। फिर निर्धारित तिथि पर आवश्यक दस्तावेजों के साथ अदालत में जाकर मामले को सुलझाया जा सकता है। कई मामलों में देखा गया है कि ₹20,000 तक का चालान केवल ₹1,000 में ही निपट गया।
डिजिटल इंडिया और ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार
इसके साथ ही डिजिटल इंडिया की मुहिम के तहत सरकार ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से संबंधित मामलों के निपटारे को आसान बनाने की दिशा में कई प्रयास किए हैं। ई-चालान पोर्टल और ऐप्स के माध्यम से न सिर्फ चालान भरना आसान हुआ है बल्कि अब ऐसे प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध हैं जहां छूट भी मिल सकती है। हालांकि इसके लिए निर्धारित शर्तों का पालन करना जरूरी है।
ऐप डाउनलोड कैसे करें?
यदि आप चाहते हैं कि आपके ऊपर लगाए गए चालान में राहत मिले, तो लोक अदालत की प्रक्रिया को अपनाना अधिक प्रभावी साबित हो सकता है। वहीं, अगर आप ट्रैफिक प्रहरी ऐप का सही तरीके से उपयोग करें तो आप समाज की भलाई में भी योगदान दे सकते हैं और साथ ही नकद इनाम जीतने का अवसर भी पा सकते हैं।
यह ऐप एंड्रॉइड उपयोगकर्ताओं के लिए Google Play Store और iOS उपयोगकर्ताओं के लिए Apple App Store पर उपलब्ध है। ऐप में आसान नेविगेशन, लाइव रिपोर्टिंग, फोटो अपलोड फीचर और रिवॉर्ड ट्रैकिंग सिस्टम उपलब्ध है।
ऐप चालान नहीं माफ करता, पर बना सकता है हीरो
जहां एक ओर सोशल मीडिया पर यह वायरल है कि इस ऐप को ऑन करते ही चालान माफ हो जाएगा, वहीं दूसरी ओर सच्चाई ये है कि ये ऐप नागरिकों को ट्रैफिक वॉरियर बनाने का माध्यम है, न कि चालान माफी का। हां, जो लोग जागरूक नागरिक के तौर पर इस ऐप का सही उपयोग करते हैं, उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा इनाम जरूर मिलता है।
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