
भारत ने इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर (e-3W) के क्षेत्र में अपनी पकड़ और भी मजबूत कर ली है। 2024 में भारत ने 691,306 यूनिट्स की रिकॉर्ड बिक्री कर चीन को पीछे छोड़ते हुए इस मार्केट में नंबर 1 की पोजीशन हासिल कर ली है। यह उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) की ताजा रिपोर्ट में सामने आई है, जिसने भारत को वैश्विक ई-थ्री-व्हीलर मार्केट में सबसे बड़ा खिलाड़ी बताया है। बता दें, IEA की ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक व्हीक्ल आउटलुक 2025 रिपोर्ट में थ्री-व्हीलर बाजार को अत्यधिक केंद्रित बताया गया है, जिसमे भारत और चीन में इलेक्ट्रिक और पारंपरिक थ्री-व्हीलर की बिक्री का 90% हिस्सा है।
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सरकारी योजनाएं और ई-ड्राइव स्कीम का योगदान
इस क्रांति के पीछे भारत सरकार की ई-ड्राइव स्कीम की बड़ी भूमिका है, जिसके तहत वाणिज्यिक उपयोग के लिए 3 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक थ्री-व्हीलर्स की तैनाती की गई। इस योजना ने न केवल इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग को बढ़ावा दिया, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं। दिल्ली समेत कई राज्यों ने चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया है, जिससे ई-वी अपनाने की गति और तेज हुई है।
चीन की स्थिरता बनाम भारत की तेजी
चीन, जो पारंपरिक रूप से ई-थ्री-व्हीलर मार्केट में अग्रणी था, उसने पिछले तीन वर्षों में इस क्षेत्र में सिर्फ 15% से कम की वृद्धि दर्ज की है। 2024 में चीन ने लगभग 1.28 मिलियन ई-थ्री-व्हीलर्स बेचे, जो संख्या जरूर भारत से अधिक है, लेकिन भारत की वृद्धि दर और बाजार हिस्सेदारी इसे एक बड़ा मुकाबला बना रही है। भारत की 57% हिस्सेदारी, जो 2023 में 53% थी, इस बात का संकेत है कि देश में ई-थ्री-व्हीलर का भविष्य बहुत उज्ज्वल है।
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भारत में ई-थ्री-व्हीलर उद्योग का आर्थिक
भारत में ई-थ्री-व्हीलर का विस्तार केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद ही नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह उद्योग लाखों लोगों को रोजगार प्रदान कर रहा है और देश की ऑटोमोबाइल सेक्टर को नई दिशा दे रहा है। सरकारी नीतियों ने इस सेक्टर को निवेश के लिए आकर्षक बनाया है, जिससे भारत इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के क्षेत्र में रिन्यूएबल एनर्जी-Innovation का हब बनता जा रहा है।
तकनीकी प्रगति और उपभोक्ता बढ़ती मांग
साथ ही, इस सेक्टर में टेक्नोलॉजी और डिजाइन में भी तेजी से सुधार हो रहा है। नए मॉडल अब ज्यादा ऊर्जा कुशल, टिकाऊ और किफायती हो रहे हैं, जिससे उपभोक्ताओं की पसंद और बढ़ रही है। भारत की यह प्रगति वैश्विक बाजार में भी देश की साख मजबूत कर रही है, और इसे इलेक्ट्रिक मोबिलिटी की दुनिया में एक मजबूत मुकाम दिला रही है।
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