अंकिता भंडारी मर्डर केस: तीन साल बाद मिला इंसाफ, रिजॉर्ट मालिक समेत तीनों आरोपी दोषी करार

उत्तराखंड की 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या के तीन साल बाद कोर्ट ने पुलकित आर्य सहित तीन आरोपियों को दोषी ठहराया है। केस की सुनवाई के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। यह हत्याकांड महिला सम्मान और न्याय व्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है। फैसले ने समाज को झकझोरा और महिला सुरक्षा को लेकर एक नई चेतना को जन्म दिया।

By GyanOK

अंकिता भंडारी मर्डर केस: तीन साल बाद मिला इंसाफ, रिजॉर्ट मालिक समेत तीनों आरोपी दोषी करार
Ankita Bhandari Murder Case

उत्तराखंड (Uttarakhand) में चल रही अंकिता भंडारी मर्डर केस (Ankita Bhandari Murder Case) में आखिरकार तीन साल बाद न्याय की पहली बड़ी सीढ़ी पार हो गई है। कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने 2022 में हुए इस वीभत्स हत्याकांड में पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया है। इस फैसले का पूरे देश को बेसब्री से इंतजार था। कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को सील कर दिया गया, और सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी थी कि सिर्फ केस से जुड़े लोग और जरूरी स्टाफ ही भीतर प्रवेश कर सके। अब कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद पीड़िता के परिजनों और समाज को न्याय की उम्मीद जगी है।

2022 में हुई थी हत्या, ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ से इनकार बना जानलेवा

अंकिता भंडारी मात्र 19 साल की थी और ऋषिकेश के पास वंतारा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत थी। सितंबर 2022 में जब वह अचानक गायब हो गई तो मामला शांत नहीं रहा, बल्कि धीरे-धीरे ऐसी परतें खुलीं जिन्होंने समाज की संवेदनशीलता और महिला सुरक्षा की पोल खोल दी। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि अंकिता ने रिजॉर्ट में आए एक ‘VIP गेस्ट’ को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने से मना कर दिया था। इस पर रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, जो एक पूर्व भाजपा नेता का बेटा है, ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंकिता की हत्या कर दी।

चीला नहर बनी थी वारदात की गवाह

18 सितंबर 2022 को अंकिता के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज हुई और पाँच दिन बाद, 24 सितंबर को उसका शव चीला नहर से बरामद हुआ। इस खुलासे ने राज्य को झकझोर कर रख दिया। लोगों का गुस्सा सड़कों पर उतर आया और सोशल मीडिया से लेकर कोर्ट तक आवाज़ बुलंद हुई। मामला इस कदर संवेदनशील हो गया कि तत्कालीन सरकार को Special Investigation Team (SIT) बनानी पड़ी। SIT ने 500 से अधिक पन्नों की चार्जशीट दायर की, जिसमें 97 गवाह शामिल किए गए, जिनमें से 47 को अदालत में पेश किया गया।

IPC की गंभीर धाराएं और अनैतिक देह व्यापार कानून में फंसे आरोपी

मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़) के साथ-साथ अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम की धाराएं भी लगाई गई थीं। जांच में यह भी सामने आया कि अंकिता की हत्या मात्र एक पाप छुपाने की कोशिश नहीं थी, बल्कि महिला अस्मिता पर हमला था। आज, जब कोर्ट ने तीनों आरोपियों को दोषी माना है, तो यह न केवल कानून की जीत है, बल्कि महिलाओं की गरिमा के लिए एक उम्मीद की लौ भी है।

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