तलाक में कितना गुजारा भत्ता मांग सकती है पत्नी? क्या हैं Alimony के कानून

तलाक लेने से पहले कानूनी नियमों को जानना बेहद जरूरी है, यदि पत्नी अपना गुजारा खुद नही कर सकती है यानी वह कोई काम नही करती है तो ऐसी स्थिति में उसे अपने पति से वित्तीय सहायता पाने का हक है।

By GyanOK

तलाक में कितना गुजारा भत्ता मांग सकती है पत्नी? क्या हैं Alimony के कानून
Alimony

शादी एक पवित्र रिश्ता है, जिसे पति -पत्नी दोनों को निभाना होता है. लेकिन कई कारणों के वजह से ये रिश्ता नहीं चल पाता है, जिस वजह से पति और पत्नी को कानूनी प्रक्रिया यानी तलाक का सहारा लेना पड़ता है. लेकिन कई लोगों के मन में ये सवाल उठाता है कि तलाक़ के बाद पत्नी की जरूरतों को कौन पूरी करेगा. तो आइए जानते है तलाक के बाद पत्नी गुजारा भत्ता की मांग कर सकती है या नहीं.

पत्नी कब गुजार भत्ते की मांग कर सकती है ?

तलाक लेने से पहले कानूनी नियमों को जानना बेहद जरूरी है, यदि पत्नी अपना गुजारा खुद नही कर सकती है यानी वह कोई काम नही करती है तो ऐसी स्थिति में उसे अपने पति से वित्तीय सहायता पाने का हक है। इसी वित्तीय सहायता को गुजारा भत्ता कहते हैं।गुजारा भत्ता, जिसे अंग्रेजी में एलिमनी या मेंटेनेंस भी कहा जाता है.

तलाक में कितना गुजारा भत्ता मांग सकती है पत्नी?

ऐसा कोई कानून या फॉर्मूला नहीं है जो यह तय करे कि पत्नी तलाक में कितना गुजारा भत्ता मांग सकती है, ये कई कारकों पर निर्भर करता है जैसे –

  • पति की आय और संपत्ति-सबसे पहले  अदालत पति की कमाई, उसकी संपत्ति और अन्य कमाई के जरिए की जांच करती है.
  • पत्नी की आय और संपत्ति: पत्नी यदि कमा रही है या उसकी कोई संपत्ति है, तो इस पर भी विचार किया जाता है। हालांकि, एक कामकाजी पत्नी भी गुजारा भत्ता की हकदार हो सकती है
  • शादी का समय-अगर शादी के ज्यादा समय हो गया है तो ऐसे में गुजारा भत्ता की राशि अधिक हो सकती है.
  • पत्नी की ज़रूरतें: पत्नी की ज़रूरतें, जैसे आवास, भोजन, चिकित्सा और बच्चों की देखभाल के अनुसार.

तलाक में पत्नी कितना गुजारा भत्ता मांग सकती है वह उस पर भी निर्भर करता है. ऐसा भी माना जाता है कि पति को अपनी आय का 1/3 से 1/5 तक गुजारा भत्ता देना होता है. ये नियम हर समय लागू नही होते है. प्रत्येक मामले में ये नियम अलग -अलग हो सकते है.

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