आधार कार्ड आज हर भारतीय के लिए एक बेहद ज़रूरी दस्तावेज बन चुका है. बैंक खाता खोलना हो, सरकारी योजना का लाभ लेना हो या मोबाइल सिम खरीदनी हो हर काम में इसकी ज़रूरत पड़ती है. लेकिन जितना ज़रूरी यह दस्तावेज़ है, उतनी ही ज़रूरी इसके साथ सावधानी बरतना भी है.

अगर आप आधार बनवाते समय कोई झूठी या गलत जानकारी देते हैं, तो यह सिर्फ एक गलती नहीं बल्कि कानूनन अपराध माना जाता है. इससे आपको जुर्माना भरना पड़ सकता है और जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
जानबूझकर दी गई गलत जानकारी पड़ सकती है भारी
कई बार लोग आधार बनवाते या अपडेट कराते समय जानबूझकर गलत नाम, जन्मतिथि, पता या मोबाइल नंबर दे देते हैं. ऐसा करना बेहद गंभीर मामला है. आधार एक्ट के तहत अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर आधार में गलत जानकारी देता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. इसके लिए तीन साल तक की जेल और ₹10,000 तक जुर्माना भी हो सकता है. अगर फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर आधार बनवाया गया है, तो मामला और गंभीर हो जाता है.
किसी और के आधार का इस्तेमाल करना भी है अपराध
अगर आप किसी और के आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हैं चाहे पहचान के लिए, सिम लेने के लिए या किसी और काम में तो आप खुद को फंसा सकते हैं:
- सज़ा: 3 साल तक की जेल
- जुर्माना: ₹10,000 से लेकर ₹1 लाख तक
बिना अनुमति किसी की जानकारी रखना या शेयर करना भी गैरकानूनी
अगर आप किसी दूसरे व्यक्ति की आधार जानकारी उसके बिना इजाजत के स्टोर करते हैं या शेयर करते हैं, तो भी अधार एक्ट की धारा 39 के तहत कार्रवाई हो सकती है:
- जुर्माना: ₹10,000 या उससे अधिक
- सज़ा: 3 साल की जेल
खुद को UIDAI की एजेंसी बताकर डेटा इकट्ठा करना हो सकता है खतरनाक
कुछ लोग या संस्थाएं खुद को UIDAI से जुड़ी एजेंसी बताकर आधार से जुड़ी जानकारी इकट्ठा करते हैं. अगर आपने भी ऐसा कुछ किया या किसी को इस तरह की जानकारी दी, तो सावधान हो जाइए. ऐसा करना भी अपराध की श्रेणी में आता है, और इसके लिए तीन साल तक की जेल और जुर्माने का प्रावधान है. अगर यह काम किसी कंपनी ने किया हो, तो उस पर ₹1 लाख तक का जुर्माना लग सकता है.
डेटाबेस से छेड़छाड़ की कोशिश पर मिल सकती है सबसे कड़ी सजा
अगर कोई व्यक्ति आधार के सेंट्रल डेटाबेस (CIDR) से छेड़छाड़ करने की कोशिश करता है या उसे हैक करता है, तो यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला बन जाता है. ऐसे मामलों में 10 साल तक की जेल और ₹10 लाख तक का भारी जुर्माना लगाया जा सकता है.
इन बातों का रखें ध्यान, तो बच सकते हैं बड़ी मुसीबत से
अगर आप आधार बनवाने या अपडेट कराने जा रहे हैं, तो हमेशा सही और सटीक जानकारी दें. किसी भी फर्जी दस्तावेज़ का इस्तेमाल न करें और किसी दूसरे के आधार का कभी इस्तेमाल न करें. अगर किसी की आधार जानकारी आपके पास है, तो बिना उसकी अनुमति उसे कभी भी शेयर न करें. इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप खुद को कानूनी पचड़ों से बचा सकते हैं.
खुद को आधार फ्रॉड से कैसे बचाएं?
आज के डिजिटल जमाने में जरूरी है कि आप अपने आधार को सुरक्षित रखें. सबसे पहले तो अपने आधार का बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन को लॉक कर दें. UIDAI की वेबसाइट या mAadhaar ऐप की मदद से आप यह काम कुछ ही मिनटों में कर सकते हैं. इसके अलावा, आधार से वही मोबाइल नंबर लिंक रखें जो आप इस्तेमाल करते हैं, ताकि किसी भी गतिविधि की जानकारी आपको तुरंत मिल जाए.
जहां भी आधार की फोटोकॉपी देनी हो, वहां मास्क्ड आधार का इस्तेमाल करें जिसमें आपके आधार नंबर के शुरुआती 8 अंक छिपे होते हैं. और अगर आपको अपने आधार से जुड़ी कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो बिना देरी किए UIDAI के टोल-फ्री नंबर 1947 पर शिकायत दर्ज कराएं.