
8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर सरकारी कर्मचारियों के बीच उत्साह का माहौल है, और इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है – वेतन में संभावित बड़ी बढ़ोतरी। मौजूदा जानकारी के अनुसार, इस बार एक नया पे मेट्रिक्स बनाने की बजाय 7वें वेतन आयोग (7th Pay Commission) के समय लागू किए गए पे मेट्रिक्स को ही आगे बढ़ाया जाएगा। यानी, पे स्ट्रक्चर की जड़ों में बदलाव नहीं होगा, लेकिन आंकड़ों और फ़ॉर्मूलों को नए डेटा के आधार पर संशोधित किया जाएगा।
7वें का पे मेट्रिक्स ही क्यों रहेगा आधार?
पे मेट्रिक्स किसी भी वेतन आयोग का मूल ढांचा होता है जो वेतन की गणना में एक पारदर्शी आधार प्रदान करता है। 7वें वेतन आयोग के समय लागू किया गया पे मेट्रिक्स एक विस्तृत और सुविचारित ढांचा था, जिसने पे-बैंड और ग्रेड-पे जैसी जटिलताओं को खत्म कर दिया था। अब खबरें हैं कि 8वें वेतन आयोग में भी यही ढांचा अपनाया जाएगा, जिसमें केवल नए डेटा, फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन को अपडेट किया जाएगा। इससे न केवल वेतन निर्धारण की प्रक्रिया सरल होगी बल्कि पारदर्शिता भी बनी रहेगी।
डॉ. एक्रोयड का फॉर्मूला: सैलरी बढ़ाने का आधार
इस वेतन ढांचे का मूल है डॉ. वॉलेस एक्रोयड (Dr. Wallace Aykroyd) का पोषण-आधारित वेतन निर्धारण फॉर्मूला। यह फॉर्मूला इस बात का अनुमान लगाता है कि एक औसत भारतीय नागरिक की न्यूनतम पोषण संबंधी आवश्यकता क्या है और उस आधार पर न्यूनतम वेतन तय किया जाता है। इसी से पे मेट्रिक्स के विभिन्न लेवल्स की नींव पड़ती है। इस बार भी यह फॉर्मूला यथावत रहेगा, परंतु फिटमेंट फैक्टर में बड़ा बदलाव संभावित है।
फिटमेंट फैक्टर 1.92: कितना बढ़ेगा वेतन?
8वें वेतन आयोग में प्रस्तावित फिटमेंट फैक्टर 1.92 हो सकता है, जो मौजूदा 2.57 के मुकाबले अपेक्षाकृत अधिक व्यावहारिक समझा जा रहा है। यदि यह लागू होता है तो न्यूनतम बेसिक वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹34,560 हो सकता है।
सैलरी गणना का अनुमान:
- मौजूदा बेसिक पे = ₹18,000
- नया फिटमेंट फैक्टर = 1.92
- नई बेसिक पे = ₹18,000 × 1.92 = ₹34,560
इससे ₹16,560 की सीधी बढ़ोतरी होगी। यह तो केवल बेसिक पे है, इसके ऊपर DA, HRA और TA जैसी भत्तियां जुड़ेंगी जिससे कुल वेतन में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी।
पे लेवल मर्जर: सैलरी स्ट्रक्चर को और सरल बनाने की दिशा
सरकार के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में 18 पे लेवल्स में से शुरुआती लेवल्स को मर्ज कर 3 नए कैटेगरी में बदला जा सकता है। जैसे कि:
- लेवल 1+2 = नया A
- लेवल 3+4 = नया B
- लेवल 5+6 = नया C
इससे निचले स्तर के कर्मचारियों की वेतन वृद्धि तेज़ होगी और प्रमोशन का मार्ग भी आसान हो सकता है। इससे सैलरी स्ट्रक्चर और अधिक पारदर्शी और सरल बनेगा।
HRA और TA में बदलाव की संभावना
नए बेसिक वेतन के आधार पर मकान किराया भत्ता-HRA और यात्रा भत्ता-TA में भी बदलाव निश्चित है। HRA की गणना नए बेसिक पर होगी, जिससे वह स्वतः बढ़ेगा। शहरों की श्रेणियों (X, Y, Z) के अनुसार HRA की दरें रिवाइज हो सकती हैं। वहीं, TA में भी नई पात्रता श्रेणियों और DA के स्तर को देखते हुए संशोधन की उम्मीद है।
बीमा राशि में वृद्धि की संभावना
वर्तमान बीमा योजना में कर्मचारियों के लिए कवर बहुत सीमित है। नई सिफारिशों में यह प्रस्ताव शामिल हो सकता है कि यदि किसी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है, तो उसके परिवार को पर्याप्त बीमा सहायता मिल सके। प्रस्तावित बीमा राशि में वृद्धि से कर्मचारियों को सुरक्षा की अतिरिक्त भावना मिलेगी।
8वें वेतन आयोग की समयरेखा
हालांकि सरकार की ओर से अभी 8वें वेतन आयोग का औपचारिक गठन नहीं हुआ है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि इसका नोटिफिकेशन 2025 के अंत तक आ सकता है और इसे 1 जनवरी 2026 से लागू माना जा सकता है। इसके बाद कर्मचारियों को एरियर भी मिल सकता है, जिससे आर्थिक राहत और बढ़ेगी।