
UP Teachers Pension: उत्तर प्रदेश में 2004 बैच के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का फायदा नहीं मिलेगा। यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब पूरे देश में कर्मचारी संगठन पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इसका मतलब है कि इन 35 हजार से ज़्यादा शिक्षकों को नई पेंशन योजना ही मिलेगी।
विशिष्ट बीटीसी-2004 बैच की भर्ती प्रक्रिया
14 जनवरी 2004 और 20 फरवरी 2004 को विशेष बीटीसी-2004 (Vishisht BTC 2004) के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। अभ्यर्थियों का प्रशिक्षण अगस्त 2004 में शुरू हुआ, लेकिन विभागीय प्रक्रियाओं में देरी के चलते उनकी नियुक्ति दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में हो सकी। यह देरी शिक्षकों के लिए भविष्य में पेंशन से जुड़े अधिकारों पर असर डालने वाली साबित हुई।
एमएलसी अरुण कुमार पाठक द्वारा यह प्रश्न उठाया गया कि अगर विज्ञापन और प्रशिक्षण 2004 में हुआ, तो इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में क्यों नहीं लाया जा सकता? उनका तर्क था कि जब 31 अक्टूबर 2005 के शासनादेश में भी यह स्पष्ट किया गया कि 2004 में ही विज्ञापन हुआ है और नया विज्ञापन आवश्यक नहीं है, तब यह भर्ती प्रक्रिया वर्ष 2004 की मानी जानी चाहिए।
शासनादेश और मानदेय से जुड़ा पक्ष
14 और 22 जनवरी 2004 को जारी शासनादेशों में यह भी निर्देश दिया गया था कि प्रशिक्षण पूर्ण होने तक अभ्यर्थियों को ₹2500 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। यह दिखाता है कि सरकार उन्हें पहले से ही एक निश्चित प्रक्रिया के तहत मान्यता दे रही थी। इस आधार पर शिक्षकों का कहना है कि उन्हें 28 जून 2024 के शासनादेश के अंतर्गत विकल्प के रूप में पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाना चाहिए, ताकि पेंशन को लेकर व्याप्त भ्रम की स्थिति समाप्त हो सके।
सरकारी स्थिति और न्यायालयीय आदेशों का हवाला
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने विशेष सचिव बेसिक शिक्षा को लिखे पत्र में यह स्पष्ट किया है कि विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। उन्होंने हाईकोर्ट के कई आदेशों का हवाला देते हुए यह कहा है कि सेवा की गणना केवल उस तिथि से की जा सकती है जब कोई शिक्षक सहायक अध्यापक पद पर नियमित रूप से नियुक्त होता है, न कि प्रशिक्षण प्रारंभ होने की तिथि से।
उनका तर्क है कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा (अध्यापक) (तैनाती) नियमावली 2008 के अनुसार सेवा अवधि वही मानी जाती है जब कोई कर्मचारी अध्यापक पद पर नियमित रूप से कार्य करने लगता है। और चूंकि विशिष्ट बीटीसी-2004 बैच के तहत नियुक्ति दिसंबर 2005 में हुई, इसलिए यह नियुक्तियां पुरानी पेंशन के दायरे में नहीं आतीं।