भारत ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की आतंकवाद पर दोहरी नीति को उजागर किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मंच से भारतीय राजनयिक अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान को करारा जवाब देते हुए उसे आतंकवाद का पोषक बताया और कहा कि पाकिस्तान खुद को पीड़ित दिखाने का ढोंग नहीं कर सकता।

पाकिस्तान को लगाई फटकार
WHO के जिनेवा मुख्यालय में भारत की ओर से “राइट टू रिप्लाई” का इस्तेमाल करते हुए अनुपमा सिंह ने सिर्फ 100 सेकंड में पाकिस्तान को ऐसा जवाब दिया जो दुनियाभर में सुर्खियों में है। उन्होंने कहा, “हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद के आयोजक और प्रायोजक पाकिस्तान की धरती से ही काम करते हैं।”
उन्होंने कहा कि भारत ने हाल ही में अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए केवल आतंकवादियों और उनके ठिकानों को निशाना बनाया, नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तान द्वारा सिंधु जल संधि पर फैलाए जा रहे भ्रम और झूठी कहानियों को भी सिरे से खारिज किया।
कौन हैं अनुपमा सिंह?
अनुपमा सिंह भारतीय विदेश सेवा (IFS) की अधिकारी हैं और उन्हें 9 वर्षों से अधिक का राजनयिक अनुभव है। उन्होंने करियर की शुरुआत KPMG में सलाहकार के रूप में की थी। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी से प्रशासन में डिग्री प्राप्त की।
उनके पास दिल्ली विश्वविद्यालय (FMS) से MBA की डिग्री है और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से कंप्यूटर साइंस में B.Tech की डिग्री भी। अनुपमा सिंह संयुक्त राष्ट्र के मंचों पर भारत का मजबूती से पक्ष रखने के लिए जानी जाती हैं। इससे पहले भी वह UNHRC में पाकिस्तान को आतंकवाद प्रायोजक बताते हुए घेर चुकी हैं।
UN मंच पर भारत का रुख
भारत ने हमेशा स्पष्ट किया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ नहीं चल सकते। अनुपमा सिंह की यह प्रतिक्रिया न सिर्फ पाकिस्तान को जवाब थी, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और अधिक आक्रामक और प्रभावी कूटनीति अपना रहा है।