भारत में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। Cars24 की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, देश में साल 2024 में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर 8 करोड़ से अधिक चालान काटे गए, जिनकी कुल राशि लगभग 12,000 करोड़ रुपये रही। ये आंकड़ा न केवल भयावह है, बल्कि यह कई छोटे देशों की सालाना जीडीपी से भी अधिक है।

इतना ही नहीं, रिपोर्ट के अनुसार इस जुर्माने में से 9,000 करोड़ रुपये अभी भी बकाया हैं, यानी इन चालानों का भुगतान नहीं किया गया है। यह स्थिति बताती है कि भारत में ड्राइविंग करते समय लोग अब भी नियमों को गंभीरता से नहीं ले रहे।
नियमों से ज्यादा ‘डर’ से चलती है गाड़ी
रिपोर्ट में 1,000 लोगों पर आधारित सर्वे के नतीजों से यह भी साफ हो गया कि भारत में ड्राइविंग करते समय अधिकतर लोग नियमों का पालन ईमानदारी से नहीं बल्कि डर के चलते करते हैं।
- करीब 44% लोगों ने कहा कि वे पुलिस की मौजूदगी में ही नियमों का पालन करते हैं।
- वहीं 31% ड्राइवर पहले यह देखते हैं कि आसपास कोई ट्रैफिक पुलिस तो नहीं है।
- कुछ ड्राइवरों ने यह भी स्वीकारा कि वे चालान से बचने के लिए पुलिस से बातचीत या रिश्वत का सहारा लेते हैं।
टेक्नोलॉजी से भी नहीं सुधर रहे हालात
सीसीटीवी कैमरों की मौजूदगी भी ड्राइवरों की आदतों में ज्यादा सुधार नहीं ला पाई है।
- 47% लोगों ने कहा कि वे कैमरों के बावजूद वैसा ही ड्राइव करते हैं जैसे हमेशा करते हैं।
- सिर्फ 36.8% लोग ऐसे हैं जो कैमरा देखकर गति कम करते हैं।
सबसे ज्यादा किस नियम का उल्लंघन?
भारत में सबसे अधिक उल्लंघन ओवरस्पीडिंग से जुड़ा पाया गया, जो कुल मामलों का 49% रहा। इसके बाद हेलमेट या सीटबेल्ट न लगाना, गलत पार्किंग और सिग्नल जंपिंग जैसे अपराध रहे।
अपराध | मामले प्रतिशत में |
ओवरस्पीडिंग | 49% |
हेलमेट/सीटबेल्ट | 19% |
गलत पार्किंग | 14% |
सिग्नल जंपिंग/गलत दिशा से ड्राइविंग | 18% |
जुर्माने के कुछ चौंकाने वाले केस
रिपोर्ट में कुछ उदाहरण भी शामिल किए गए जो देश में ट्रैफिक व्यवस्था की स्थिति को दर्शाते हैं।
- हरियाणा में एक ट्रक ड्राइवर पर ओवरलोडिंग के कारण 2 लाख रुपये का चालान काटा गया।
- बेंगलुरु में एक बाइक सवार पर 475 बार ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए 2.91 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
- गुरुग्राम में प्रतिदिन 4,500 चालान काटे गए जिससे करीब 10 लाख रुपये रोजाना वसूले गए।
नियमों को तोड़ना बना मामूली बात
सर्वे में लोगों से जब पूछा गया कि वे चालान से बचने के लिए क्या करते हैं, तो कई लोगों ने माना कि वे जुर्माना भरने के बजाय रिश्वत देना ज्यादा आसान समझते हैं।
- 38.5% लोगों ने स्वीकार किया कि उन्होंने एक-दो बार रिश्वत दी है।
- 15.9% लोगों ने कहा कि वे अक्सर रिश्वत देते हैं।
जब चालानों की राशि हजारों करोड़ तक पहुंच जाए और फिर भी उसका तीन-चौथाई हिस्सा बकाया रह जाए, तो यह केवल नियमों के प्रति लापरवाही नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की विफलता को दर्शाता है।
भारत में ट्रैफिक नियमों के प्रति एक सांस्कृतिक परिवर्तन की आवश्यकता है, जहां नियमों को केवल डर से नहीं बल्कि जिम्मेदारी से पालन किया जाए।