ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंचों पर मजबूती से रखने के लिए सात देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। इस टीम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर को भी शामिल किया गया है, जिनका रिएक्शन अब चर्चा में है।

थरूर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“भारत सरकार ने मुझे पांच बड़े देशों में हाल की घटनाओं पर देश का पक्ष रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने को कहा है, इसके लिए मैं खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। जब बात देश के हित की हो और मेरी जरूरत हो तो मैं पीछे नहीं हटूंगा। जय हिंद!”
उनके इस बयान को सोशल मीडिया पर काफी सराहा जा रहा है और इसे एक राष्ट्रहित में दलगत राजनीति से ऊपर उठने वाला कदम बताया जा रहा है।
पाकिस्तान के झूठ का होगा पर्दाफाश
यह डेलीगेशन न केवल भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों को सही ठहराएगा, बल्कि पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठे प्रोपेगेंडा का भी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जवाब देगा। भारत का दावा है कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है, जबकि पाकिस्तान इसे नकारता रहा है। अब भारत तस्वीरों, वीडियोज और इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के जरिए दुनिया को सबूत दिखाएगा।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
हाल ही में भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पीओके में 9 आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई की थी, जिसमें 100 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि की गई थी। भारत ने इसके प्रमाण भी सार्वजनिक किए थे। पाकिस्तान ने पलटवार में भारत पर स्कूल, मस्जिद और बच्चों को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जिसे भारतीय सेना ने सिरे से खारिज कर दिया।
सर्वदलीय एकजुटता का संदेश
इस प्रतिनिधिमंडल में विपक्षी नेताओं को शामिल कर भारत ने एक बार फिर ये संदेश देने की कोशिश की है कि जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की हो, तो राजनीतिक मतभेद पीछे रह जाते हैं। शशि थरूर का बयान इसी एकजुटता को दर्शाता है।