
हर घर में नमक का इस्तेमाल होता है, ये नमक केवल खदानों से ही नहीं आता, बल्कि इसकी खास तरह की खेती भी होती है. क्या कभी आपने सोचा है कि किचन में इस्तेमाल होने वाला नमक कैसे बनता है और इसकी खेती कैसे की जाती है? तो चलिए जानते है कि नमक कैसे तैयार होता है.
नमक उत्पादन का प्रमुख केंद्र
राजस्थान का नावा-कुचामन क्षेत्र, जो नागौर जिले में स्थित है, ये अपनी खूबसूरती के साथ-साथ नमक उत्पादन के लिए पूरे देश में जाना जाता है. इस स्थान पर कई बड़े नमक प्लांटों का घर है, जहाँ हर साल हजारों टन नमक तैयार किया जाता है.
कुचामन का खारड़ा
राजस्थान के कुचामन का खारड़ा क्षेत्र चारों ओर सफेद चांदी जैसी नमक की परत फैली हुई है. जब इस चमचमाती परत पर सूरज की किरणे पड़ती है तो ऐसा लगता है कि जैसे बर्फ से ढकी चोटियाँ हो. ये नजारा आमतौर पर सूर्योदय और सूर्यास्त के समय बेहद सुंदर लगता है. इस सुंदर दृश्य को देखने के लिए कई फोटोग्राफर इस जगह की फोटो लेते है.
ऐसे होता है नमक का उत्पादन
नमक उत्पादक क्षेत्रों में खारे पानी को बड़े-बड़े जलाशयों या तालाबों में इकट्ठा किया जाता है, फिर सूरज की रोशनी और हवा की मदद से ये पानी धीरे -धीरे भाप बनकर उड़ जाता है जिसके बाद नमक की सफेद और चमकदार परत रह जाती है. इसके बाद कुछ लोग इस जमी हुई नमक की परत को सावधानी से खुरचते हैं और उसे बड़े-बड़े ढेरों के रूप में इकट्ठा कर लेते हैं. बाद में इस नमक के ढेर को प्रोसेसिंग के लिए भेजा जाता हैं और जिसके बाद इसे पैक करके बाजारों में बेचा जाता है.
नमक उत्पादन बना रोजगार का जरिया
नावा-कुचामन के खारड़ा क्षेत्र में लगभग 100-120 स्थानीय मज़दूर काम करते हैं, जिनकी संख्या सीज़न के दौरान 150 से भी ज़्यादा हो जाती है. नमक उद्योग के काम से हजारों लोगों को रोजगार मिला है. इन मजदूरों को आर्थिक रीढ़ माना जाता है. छोटे -छोटे कामों को करके नमक के बड़े -बड़े ढेर बनाएं जाते है.
हर साल होता है 40,000 से 45,000 टन नमक का उत्पादन
यहां के नमक व्यापारी अश्विनी खालड़का बताते हैं कि खारड़ा क्षेत्र में लगभग हर साल एक सीज़न में 40,000 से 45,000 टन नमक का उत्पादन होता है. जिसकी कीमत 5-6 करोड़ रुपए तक हो सकती है. नमक को बनाने के लिए तेज धूप की जरूरत होती है. इसी वजह से बारिश के मौसम में पानी सूखने में दिक्कत आने के कारण कुछ समय के लिए उत्पादन रोक दिया जाता है. इस जगह से देश में अलग -अलग हिस्सों में नमक भेजा जाता है.