Population Census Notification: भारत की 16वीं जनगणना शुरू, पूछे जाएंगे ये 36 सवाल

भारत की 16वीं जनगणना का आगाज़ हो चुका है और इस बार सरकार पूछेगी आपकी ज़िंदगी से जुड़े 36 अहम सवाल। इन सवालों के पीछे छुपा है आपकी पहचान, सुविधाएं और अधिकार तय करने का आधार। जानिए क्या हैं वो सवाल, क्यों हैं ये ज़रूरी, और क्या होगा अगर आपने जवाब नहीं दिया!

By Pinki Negi

देश में एक लंबे इंतजार के बाद 16वीं जनगणना की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है, यह अधिसूचना केंद्रीय गृह मंत्रालय की और से 16 जून, 2025 को जारी की गई है। वैसे तो भारत में जनगणना हर 10 साल बाद होती है, लेकिन 2021 की जनगणना कोविड के कारण टल गई थी। जिसके बाद से 16 साल बाद भारत की 16वीं जनगणना में काफी नए बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह जनगणना पहली बार पूरी तरह डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी और इसमें जातीय आंकडें भी शामिल किए जाएंगे।

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जनगणना के क्षेत्र व तारीखें

इस बार की जनगणना प्रक्रिया को लेकर जारी अधिसूचना के मुताबिक लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड जैसे बर्फबारी वाले इलाकों में जनगणना को 1 अक्टूबर, 2026 तक पूरी किया जाएगा, वहीं अन्य राज्यों के लिए यह तिथि 1 मार्च, 2027 रखी गई है। 2027 की मिड-नाइट को रेफरेंस डेट माना जाएगा यानि इस तारीख तक जन्मे लोगों को जनगणना में शामिल किया जाएगा। 16 साल बाद हो रही इस जनगणना में डेटा 16 भाषाओं में दर्ज होगा, जिसके नतीजेन 16 महीने बाद यानि दिसम्बर 2027 या जनवरी 2028 तक आने की संभावना है।

दो चरणों मे पूरी की जाएगी प्रक्रिया

जनगणना की शुरुआत अगले साल से दो चरणों में पूरी की जाएगी, जिसमें पहले चरण में घरों की सूची (House Listing) तैयार की जाएगी। इसमें घर की हालत, ईधन, शौचालय, जल स्त्रोत, रसोई जैसे जानकारी दर्ज की जाएगी। वहीं दूसरे चरण में व्यक्तिगत जनकाई जैसे उम्र, लिंग, शिक्षा, भाषा, विकलांगता, वाहन आदि के बारे मे पूछा जाएगा। इस प्रक्रिया से कुल 36 सवाल पूछे जाएंगे, जिनके उत्तर ऐप के प्री-पेड ड्रॉपडाउन मेन्यू में दर्ज किए जाएंगे।

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ICR तकनीक का किया जाएगा इस्तेमाल

बता दें, इस जनगणना एप में इंटेलिजेंट करेक्टर रिकगीनेशन (ICR) तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे हाथ से लिखी या अधूरी जानकारी को आसानी से समझा जा सकेगा। यह जानकारी सीधे बैकएंड सिस्टम में सेव होगी, जिससे बाद में मैनुअल प्रोसेसिंग की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसकी खास बात यह है की नागरिक खुद भी अपनी जानकारी ऐप के जरिए दर्ज कर सकेंगे।

जनगणना के लिए संसाधन और खर्च

भारत में 16वीं जनगणना की प्रक्रिया के लिए करीब 34 लाख कर्मचारी और पर्यवेक्षक नियुकत किए जाएंगे, इनमें से 3 लाख अधिकारी डिजिटल उपकरण से लैस होंगे। इनके प्रशिक्षण के लिए 100 राष्ट्रीय प्रशिक्षक, 1800 मास्टर ट्रैनर, 45,000 फील्ड ट्रैनर लगाए जाएंगे और इसमें अनुमानित खर्चा लगभग 13,000 करोड़ रुपये होगा।

इतिहास में ऐसा पहली बार होगा की जनगणना में जातिगत जनगणना और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) का अपडेट शामिल होगा, जिससे सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा।

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Pinki Negi
GyanOK में पिंकी नेगी बतौर न्यूज एडिटर कार्यरत हैं। पत्रकारिता में उन्हें 7 वर्षों से भी ज़्यादा का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत साल 2018 में NVSHQ से की थी, जहाँ उन्होंने शुरुआत में एजुकेशन डेस्क संभाला। इस दौरान पत्रकारिता के क्षेत्र में नए-नए अनुभव लेने के बाद अमर उजाला में अपनी सेवाएं दी। बाद में, वे नेशनल ब्यूरो से जुड़ गईं और संसद से लेकर राजनीति और डिफेंस जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर रिपोर्टिंग की। पिंकी नेगी ने साल 2024 में GyanOK जॉइन किया और तब से GyanOK टीम का हिस्सा हैं।

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