
सिंधु जल समझौते को लेकर भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है कि अब पाकिस्तान जाने वाली नदियों जैसे -झेलम, चिनाब, सिंधु, के पानी को रोककर, राजस्थान के अलग -अलग शहरों-गावों में भेजा जाने का काम तेजी से शुरू हो गया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी इस खबर की पुष्टि कर दी है.
जलशक्ति मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सरकार ने चिनाब, रावी, व्यास और सतलज नदियों को जोड़ने वाली नहर परियोजना पर काम शुरू कर दिया है. अभी इसकी प्रारंभिक जांच चल रही है, जिसमे देखा जायेगा कि ये परियोजना कैसे बनाई जा सकती है. राजस्थान में हर साल कई राज्य पानी की समस्या या सूखे की वजह से जूझ रहे है, जिसको देखते हुए सरकार ने नहर परियोजना शुरू करने का फैसला लिया.
सिंधु जल से राजस्थान को मिलेगा फायदा
हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश के पंचवटी में भाजपा के एक प्रोग्राम में कहा कि आने वाले तीन सालों के अंदर सिंधु नदी का पानी नहरों के माध्यम से राजस्थान के श्रीगंगानगर तक पहुंचाया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस योजना से राजस्थान में सिंचाई की सुविधा अच्छी होगी, फसल की पैदावार बेहतर होने से लाखों किसानों को फायदा मिलेगा. इस कदम से पाकिस्तान को पानी की कमी का सामना करना पड़ेगा.
राजस्थान पत्रिका की खबर पर मुहर
9 जून को राजस्थान पत्रिका ने एक खबर छपी थी, जिसमे लिखा था “200 किमी लंबी नहरें और 12 सुरंगें… चिनाब, सिंधु का पानी राजस्थान लाने की तैयारी” अब इस खबर पर मुहर लग गई है. अनुमान लगाया जा रहा था कि सरकार सिंधु नदी का पानी राजस्थान लाने की योजना बनाई जा रही है, और अब ये बात सच साबित हुई है.
बनेगी 200 किलोमीटर लंबी नहरें और 12 सुरंगें
पश्चिमी नदियों का पानी भारत में इस्तेमाल करने के लिए काम शुरू हो गया है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस योजना में 200 किलोमीटर लंबी नहरें और 12 सुरंगें बनाई जाएंगी. सरकार ने सिंधु नदी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स को जल्द से जल्द मंजूरी देने का फैसला किया है. इस काम के लिए सिंगल विंडो सिस्टम पर काम हो रहा है.