चीन-अमेरिका की लड़ाई में भारत की बल्ले-बल्ले! जानिए कैसे मिल रहा है बड़ा फायदा

चीन और अमेरिका की लड़ाई में भारत को मिल रहा है सुनहरा मौका! मैन्युफैक्चरिंग, IPO और Renewable Energy में भारत को मिल रही है दुनिया भर से बड़ी डील्स और निवेश। जानिए कैसे भारत बन रहा है ग्लोबल पावरहाउस

By GyanOK

चीन-अमेरिका की लड़ाई में भारत की बल्ले-बल्ले! जानिए कैसे मिल रहा है बड़ा फायदा
चीन-अमेरिका की लड़ाई में भारत की बल्ले-बल्ले! जानिए कैसे मिल रहा है बड़ा फायदा

चीन और अमेरिका के बीच बढ़ती तनातनी के बीच भारत के लिए एक सुनहरा मौका सामने आ रहा है। ट्रेड वार और भू-राजनीतिक तनाव के चलते दुनिया की बड़ी कंपनियाँ और निवेशक अब भारत की ओर रुख कर रहे हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नया बल मिल रहा है। चाहे वह आईपीओ-IPO हो, मैन्युफैक्चरिंग, या फिर रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy, हर क्षेत्र में भारत को बड़ा फायदा हो रहा है।

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ट्रेड वार का असर और भारत की बढ़ती भूमिका

चीन और अमेरिका के बीच लंबे समय से चल रही ट्रेड वार ने वैश्विक व्यापार में अस्थिरता पैदा की है। अमेरिका ने चीन पर कई प्रतिबंध लगाए हैं और इसके जवाब में चीन ने भी कड़े कदम उठाए हैं। इस बीच भारत ने अपनी नीतियों को लचीला और आकर्षक बनाया है जिससे वैश्विक निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है। कंपनियाँ चीन से बाहर निकलने के विकल्प तलाश रही हैं और भारत उन्हें एक बेहतर विकल्प नजर आ रहा है।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बूम

टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और फार्मास्युटिकल्स जैसे सेक्टर में भारत तेजी से उभर रहा है। कंपनियाँ चीन पर निर्भरता कम कर रही हैं और भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स स्थापित कर रही हैं। भारत सरकार की ‘मेक इन इंडिया-Make in India’ और ‘प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव-PLI’ योजनाओं ने इस बदलाव को और तेज किया है। इससे भारत की उत्पादन क्षमता बढ़ी है और रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं।

आईपीओ-IPO मार्केट में भारत का जलवा

चीन की कंपनियों पर अमेरिका में सख्ती और उन्हें सूचीबद्ध करने पर पाबंदियों के चलते भारत का आईपीओ-IPO बाजार तेजी से आकर्षण का केंद्र बन रहा है। कई यूनिकॉर्न और स्टार्टअप्स अब भारत में लिस्टिंग कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में भारत का IPO बाजार चीन से आगे निकल सकता है। 2024 में अब तक भारत में कई बड़े IPO आ चुके हैं और निवेशकों का उत्साह साफ देखा जा सकता है।

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रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy में निवेश का बड़ा मौका

ऊर्जा क्षेत्र में भी भारत को चीन-अमेरिका तनाव का लाभ मिल रहा है। जहां चीन पर भरोसा कम हो रहा है, वहीं भारत में रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy सेक्टर में निवेशक तेजी से आ रहे हैं। भारत सरकार की ग्रीन एनर्जी और नेट जीरो एमिशन की नीतियों ने विदेशी कंपनियों को आकर्षित किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले पाँच वर्षों में भारत का Renewable Energy उत्पादन क्षमता में दोगुना हो सकता है।

लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन में भारत की मजबूती

चीन में उत्पादन और सप्लाई चेन में रुकावटों के कारण वैश्विक कंपनियाँ भारत में सप्लाई चेन सेटअप कर रही हैं। भारत ने बंदरगाहों, हवाई अड्डों और सड़कों के विकास में तेजी लाकर इस क्षेत्र को मजबूत बनाया है। इससे कंपनियों को बेहतर लॉजिस्टिक्स सुविधाएँ मिल रही हैं और व्यापार सुगम हो रहा है।

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निवेशकों की नजर भारत पर

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में आने वाले वर्षों में विदेशी निवेश (FDI) में बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। कई निवेशक चीन के स्थान पर भारत में मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी, और रिन्यूएबल एनर्जी में निवेश करना चाह रहे हैं। इसके अलावा, स्टार्टअप ईकोसिस्टम में भी भारत ने तेजी से अपनी जगह बनाई है।

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