Corona फिर ले रहा खतरनाक मोड़! नए Variants के सामने क्या फेल हो जाएगी पुरानी Vaccine?

नए COVID Variants FLiRT और NB.1.8.1 की एंट्री ने मचाया हड़कंप! एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि पुरानी वैक्सीन अब कमजोर पड़ सकती है, और खतरा फिर से मंडरा रहा है। क्या आपको अब नए बूस्टर की जरूरत है? जानिए भारत में क्या है स्थिति और कैसे आप अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।

By GyanOK

Corona वायरस एक बार फिर से अपनी रफ्तार पकड़ रहा है, और इस बार इसके पीछे हैं कुछ नए वेरिएंट्स—जिन्हें वैज्ञानिक FLiRT और NB.1.8.1 के नाम से पहचान रहे हैं। इस वक्त सबसे ज़्यादा चिंता का विषय यह है कि क्या पुरानी COVID-19 वैक्सीनें इन नए वेरिएंट्स पर काम करेंगी या नहीं। जैसे ही KP.2 और KP.1.1 वेरिएंट्स ने अमेरिका में सिर उठाया, भारत में भी इनके ‘कज़िन’ JN.1 और NB.1.8.1 एक्टिव हो गए हैं। विशेषज्ञों की राय में, ये वेरिएंट्स पहले से ज्यादा संक्रामक हैं और कुछ हद तक वैक्सीन-जनित इम्युनिटी को भी चकमा दे सकते हैं।

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क्या पुरानी Vaccine अभी भी काम कर रही है?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये नए वेरिएंट्स SARS-CoV-2 वायरस की उसी XBB.1.5 लाइन से जुड़े हुए हैं, जिस पर वर्तमान में अपडेटेड वैक्सीनें आधारित हैं। इसलिए पूरी तरह फेल नहीं, लेकिन कमजोर जरूर हो सकती है हमारी इम्युनिटी, खासकर उन लोगों में जिनका पिछला टीकाकरण छह महीने से ज्यादा पुराना है। यही वजह है कि CDC और WHO जैसी संस्थाएं नियमित बूस्टर डोज़ और अपडेटेड वैक्सीन की सिफारिश कर रही हैं।

भारत में Corona की ताजा स्थिति

भारत में JN.1 और अब NB.1.8.1 जैसे वेरिएंट्स चिंता का कारण बन रहे हैं। इनका संक्रमण दर काफी तेज है लेकिन अभी तक गंभीर मामलों या मौतों में कोई बड़ा उछाल नहीं देखा गया है। विशेषज्ञों की मानें तो जो लोग पहले वैक्सीनेटेड हैं या जिनका हाल में संक्रमण हुआ है, उनके लिए खतरा बहुत कम है। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हम लापरवाह हो जाएं।

नए वेरिएंट्स और वैक्सीन की दौड़

नए वेरिएंट्स में म्यूटेशन के कारण वे शरीर की मौजूदा प्रतिरक्षा से कुछ हद तक बच निकलते हैं। यहीं से बात आती है कि अब जरूरत है अपडेटेड वैक्सीन की, जो विशेष रूप से इन नए स्ट्रेन को निशाना बनाकर तैयार की गई हो। अमेरिका में KP.2 और JN.1 आधारित वैक्सीनें डेवेलप हो रही हैं और उम्मीद है कि जल्द ही भारत में भी इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे।

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फिर से ज़रूरी हो गई सावधानी

कोविड के बदलते रूप और बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कुछ बेहद जरूरी सावधानियां भी दोहराई जा रही हैं। सबसे पहले, अगर आपकी आखिरी वैक्सीन डोज छह महीने से पहले ली गई थी, तो अब अपडेटेड बूस्टर लगवाना चाहिए। दूसरा, भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना फिर से अहम हो गया है। साथ ही, किसी भी तरह के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश या सांस की तकलीफ होने पर खुद को आइसोलेट करना जरूरी है।

हर साल वैक्सीन लेना बन सकता है आदत

COVID-19 महामारी का सबसे बड़ा सबक यही है कि सतर्कता ही सुरक्षा है। वैज्ञानिक समुदाय की ओर से ये भी सुझाव दिया जा रहा है कि हर साल फ्लू शॉट की तरह कोविड बूस्टर भी सामान्य टीकाकरण कार्यक्रम का हिस्सा बन जाना चाहिए। इससे संक्रमण का चक्र टूटेगा और नए वेरिएंट्स के असर को काफी हद तक रोका जा सकेगा।

ग्रामीण इलाकों और बुजुर्गों के लिए विशेष योजना

इसके अलावा, भारत में हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड करने और ग्रामीण इलाकों में वैक्सीन पहुंच सुनिश्चित करने की ज़रूरत भी दोबारा चर्चा में है। जब तक सभी को अपडेटेड वैक्सीन और पर्याप्त जानकारी नहीं मिलेगी, तब तक कोरोना का खतरा खत्म नहीं होगा। खासकर बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं और को-मॉर्बिडिटी वाले मरीजों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए।

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