इन दवाओं के साथ कभी न लें ये विटामिन—एक छोटी गलती बन सकती है जानलेवा!

हर दिन आप विटामिन्स और दवाएं लेते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि कुछ कॉम्बिनेशन आपकी जान तक ले सकते हैं? जानिए कौन से मेल सबसे खतरनाक हैं और कैसे इनसे खुद को बचाएं—पूरी जानकारी सिर्फ यहीं!

By GyanOK

विटामिन्स और दवाओं का एक साथ सेवन तब तक फायदेमंद माना जाता है जब तक उनके बीच का तालमेल संतुलित हो। लेकिन जब यही संयोजन गड़बड़ा जाए, तो एक आम सी गलती भी आपकी सेहत के लिए खतरनाक बन सकती है। आजकल कई लोग बिना डॉक्टर की सलाह के मल्टीविटामिन या सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं। खासकर जब वे पहले से किसी मेडिकल कंडीशन में दवाएं ले रहे हों, तो यह मिश्रण जानलेवा हो सकता है। शरीर में इन विटामिन्स और दवाओं के रासायनिक प्रतिक्रियाएं अप्रत्याशित नतीजे दे सकती हैं।

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ब्लड थिनर और विटामिन K—सीधा टकराव

ब्लड थिनर जैसी दवाएं जैसे कि वारफरिन (Warfarin) का विटामिन K के साथ सेवन करना बेहद जोखिम भरा हो सकता है। विटामिन K रक्त के थक्के बनाने में मदद करता है, जबकि ब्लड थिनर खून को पतला करते हैं। ऐसे में दोनों के बीच सीधा टकराव होता है, जिससे या तो ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है या दवा अपना असर खो देती है।

एंटीबायोटिक्स और आयरन/कैल्शियम सप्लीमेंट्स

एंटीबायोटिक्स और कैल्शियम या आयरन सप्लीमेंट्स का एक साथ सेवन दवा के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है, जिससे संक्रमण ठीक होने में देरी होती है। इसका अर्थ है कि दवा पूरी तरह शरीर में घुल नहीं पाती और इलाज अधूरा रह जाता है।

डायबिटीज दवाएं और विटामिन B3

डायबिटीज की दवाओं के साथ विटामिन B3 (नियासिन) लेने से ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है। यह न सिर्फ दवा की प्रभावशीलता को कम करता है बल्कि अचानक हाई शुगर लेवल के कारण हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति भी पैदा कर सकता है।

डाययूरेटिक्स और विटामिन D

विटामिन D और डाययूरेटिक दवाओं के साथ लिया जाए तो शरीर में कैल्शियम की मात्रा असामान्य रूप से बढ़ सकती है, जो कि किडनी स्टोन जैसी समस्याओं का कारण बनता है। यह असर अक्सर बिना लक्षणों के शुरू होता है और बाद में गंभीर रूप ले सकता है।

विटामिन E और ब्लड थिनर

कुछ लोग थकान और त्वचा की सेहत के लिए विटामिन E का सेवन करते हैं, लेकिन यदि वह ब्लड थिनर जैसे एस्पिरिन या वारफरिन के साथ लिया जाए, तो अंदरूनी रक्तस्राव का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ सकती है।

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एंटासिड्स और आयरन सप्लीमेंट्स

आयरन सप्लीमेंट्स और एंटासिड्स का संयोजन भी विटामिन्स के अवशोषण में रुकावट डालता है। एंटासिड्स पेट में एसिड की मात्रा को घटाते हैं, जो आयरन के अच्छे अवशोषण के लिए जरूरी होता है। इस वजह से शरीर को आवश्यक आयरन नहीं मिल पाता।

St. John’s Wort और दवाएं

St. John’s Wort जैसे हर्बल सप्लीमेंट, जो अवसाद और चिंता को कम करने के लिए लोकप्रिय हैं, कई दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकते हैं। ये गर्भनिरोधक गोलियों, एंटी डिप्रेसेंट्स और यहां तक कि कैंसर की दवाओं के प्रभाव को भी कम कर सकते हैं।

कैसे बचें इस घातक संयोजन से?

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर हम इन विटामिन्स और दवाओं का संतुलन कैसे समझें? जवाब है—सावधानी, जागरूकता और डॉक्टर की सलाह। किसी भी नई विटामिन या सप्लीमेंट को शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक या फार्मासिस्ट से सलाह लेना जरूरी है। डॉक्टर यह समझते हैं कि कौन-सी दवाएं और विटामिन्स साथ लिए जा सकते हैं और कौन से संयोजन टाले जाने चाहिए।

सेवन का समय भी है अहम

इसके अलावा समय का भी विशेष महत्व होता है। यदि किसी विशेष विटामिन और दवा को एक साथ नहीं लिया जा सकता तो डॉक्टर सामान्यतः दो से तीन घंटे के अंतराल का सुझाव देते हैं। यह शरीर को दोनों का अलग-अलग अवशोषण करने का समय देता है, जिससे टकराव की संभावना कम हो जाती है।

बाजार से खरीदारी में बरतें समझदारी

यह भी जरूरी है कि कोई भी सप्लीमेंट केवल किसी विज्ञापन या सोशल मीडिया रिव्यू के आधार पर न लिया जाए। बाजार में मिलने वाले कई सप्लीमेंट्स की गुणवत्ता संदिग्ध होती है और उनके असर या साइड इफेक्ट्स की जानकारी पर्याप्त नहीं होती।

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