पुश्तैनी जमीन पर वारिसों के हक को लेकर आया Supreme Court फैसला, पुश्तैनी जायदाद वाले देखें
Supreme Court ने स्पष्ट किया है कि संपत्ति पर मालिकाना हक का निर्धारण सिर्फ सिविल कोर्ट द्वारा किया जा सकता है, न कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में नाम दर्ज होने से। यह फैसला प्रॉपर्टी डिस्प्यूट्स की मौजूदा समस्याओं को समझने और समाधान की दिशा में अहम कदम है। म्यूटेशन अब सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया है, मालिकाना प्रमाण नहीं। सही दस्तावेज और कानून की जानकारी से ही कानूनी अधिकार सुनिश्चित होते हैं।
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