ऑपरेशन सिंदूर से दहशत में पाकिस्तान! US रिपोर्ट में खुलासा, परमाणु हथियार अपग्रेड में जुटा PAK

DIA की 2025 रिपोर्ट से स्पष्ट है कि पाकिस्तान आतंरिक उथल-पुथल, सीमाई संघर्ष और आतंकवाद के जाल में फंसा है। भारत को सबसे बड़ा खतरा मानते हुए वह परमाणु शस्त्रागार को मजबूत कर रहा है, जबकि चीन से उसका सहयोग भी तनाव में है। यह हालात पूरे दक्षिण एशिया की स्थिरता पर गहरे सवाल खड़े करते हैं।

By GyanOK

ऑपरेशन सिंदूर से दहशत में पाकिस्तान! US रिपोर्ट में खुलासा, परमाणु हथियार अपग्रेड में जुटा PAK
Pakistan terrorist

अमेरिकी रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) की रिपोर्ट ‘2025 विश्वव्यापी खतरा आकलन’ के अनुसार, पाकिस्तान इस समय आंतरिक उथल-पुथल और बाहरी दबाव के बीच सैन्य गतिविधियों को लेकर एक कठिन दौर से गुजर रहा है। यह रिपोर्ट 25 मई 2025 को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की सशस्त्र सेवा उपसमिति के समक्ष प्रस्तुत की गई, जिसमें पाकिस्तान की सुरक्षा नीति, परमाणु कार्यक्रम और आतंकवाद से निपटने की कोशिशों पर विशेष ध्यान दिया गया है। रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की सैन्य प्राथमिकताएं और रणनीतिक सोच में बड़ा बदलाव आया है।

2025 में पाकिस्तान की सैन्य प्राथमिकताएं और चुनौतियां

रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में पाकिस्तान की सेना का प्रमुख फोकस सीमावर्ती झड़पों, आतंकवादी हमलों और विद्रोही गतिविधियों से निपटना है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और बलूच राष्ट्रवादी उग्रवादियों के खिलाफ चल रही कार्रवाइयों के बावजूद हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। 2024 में पाकिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में 2,500 से अधिक नागरिक मारे गए, जो वहां की अस्थिर आंतरिक स्थिति का प्रमाण है। अमेरिका की नजर में यह न केवल पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को दर्शाता है, बल्कि यह भी इंगित करता है कि इस्लामाबाद अपने नागरिकों की सुरक्षा करने में विफल रहा है।

भारत को लेकर पाकिस्तान की सुरक्षा सोच

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि पाकिस्तान भारत को अपने अस्तित्व के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है। यही कारण है कि पाकिस्तान अपनी सेना को लगातार आधुनिक बना रहा है और परमाणु हथियारों के क्षेत्र में उन्नति करने के प्रयास कर रहा है। पाकिस्तान युद्धक्षेत्र में उपयोग किए जाने योग्य परमाणु हथियारों और मिसाइल तकनीक का विकास कर रहा है, ताकि वह भारत की बढ़ती सैन्य शक्ति का मुकाबला कर सके। इसके लिए वह WMD (Weapons of Mass Destruction) से संबंधित सामग्री विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त कर रहा है, जिनमें प्रमुख रूप से चीन, हॉन्ग कॉन्ग, तुर्की, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं।

चीन-पाक संबंध और क्षेत्रीय अस्थिरता

पाकिस्तान और चीन के बीच सैन्य और आर्थिक सहयोग लगातार गहराता जा रहा है। दोनों देश हर साल संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं, और नवंबर 2024 में एक नया हवाई युद्धाभ्यास भी किया गया। हालांकि, CPEC (China-Pakistan Economic Corridor) परियोजनाओं में लगे चीनी नागरिकों पर आतंकी हमलों ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव उत्पन्न कर दिया है। 2024 में सात चीनी नागरिकों की हत्या के बाद चीन ने इस पर गंभीर आपत्ति जताई, जिससे चीन-पाक गठजोड़ में खटास आने के संकेत मिले हैं।

परमाणु हथियार और पाकिस्तान की रणनीतिक स्थिति

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान अपनी परमाणु क्षमता को विस्तार देने की दिशा में काम कर रहा है, ताकि क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में अपनी स्थिति को मजबूत कर सके। लेकिन आतंकवाद और सीमावर्ती तनावों ने उसकी आंतरिक स्थिरता को गहराई से प्रभावित किया है। DIA की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यह स्थिति केवल पाकिस्तान के लिए नहीं, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है।

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