ये है भारत का सबसे ठंडा राज्य, यहाँ गर्मियों में भी होती है बर्फबारी

भारत में सबसे कम गर्मी वाला इलाका लद्दाख है, जहां गर्मियों में भी तापमान 10 से 15 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है। द्रास और सियाचिन जैसे क्षेत्र इसे बेहद ठंडा बनाते हैं। यह न केवल एक पर्यटन स्थल है, बल्कि गर्मी से राहत का स्वर्ग भी है।

By GyanOK

ये है भारत का सबसे ठंडा राज्य, यहाँ गर्मियों में भी होती है बर्फबारी
Ladakh Weather

भारत एक ऐसा देश है, जहां मौसम के सभी रंग देखने को मिलते हैं—कहीं तपती धूप तो कहीं बर्फ की चादर में लिपटी वादियां। लेकिन जब बात हो सबसे ठंडी जगह की, तो लद्दाख (Ladakh) इस सूची में सबसे ऊपर आता है। भारत में सबसे कम गर्मी लद्दाख में पड़ती है, और यही वजह है कि यह क्षेत्र गर्मी के मौसम में भी ठंडक का अहसास कराता है। यह केंद्र शासित प्रदेश अपनी अनूठी भौगोलिक स्थिति और जलवायु के लिए प्रसिद्ध है।

साल भर ठंडा रहता है लद्दाख

पहले जम्मू-कश्मीर का हिस्सा रहा लद्दाख अब एक स्वतंत्र केंद्र शासित प्रदेश है, जहां मौसम का मिजाज पूरे साल ठंडा बना रहता है। गर्मियों के महीनों—जून और जुलाई में भी—यहां का तापमान मुश्किल से 10 से 15 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचता है। वहीं, सर्दियों में यह तापमान -20 से -30 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है। यह ठंडा मौसम ही इसे भारत का सबसे ठंडा और गर्मी से सबसे अधिक राहत देने वाला क्षेत्र बनाता है।

द्रास: धरती का फ्रिज

लद्दाख का द्रास (Dras) शहर दुनिया के सबसे ठंडे इलाकों में शुमार है। सर्दियों में यहां तापमान -45 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। बर्फबारी इतनी ज्यादा होती है कि कई बार सड़कें बंद हो जाती हैं और लोगों की दिनचर्या प्रभावित होती है। यहां के निवासी परंपरागत और ऊष्मा बनाए रखने वाले कपड़े पहनते हैं और खास किस्म के घरों में रहते हैं, ताकि वे इस कठोर जलवायु में जी सकें।

सियाचिन: सबसे ऊंचा और ठंडा सैन्य क्षेत्र

लद्दाख में ही स्थित सियाचिन ग्लेशियर (Siachen Glacier) न केवल भारत का बल्कि दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे ठंडा सैन्य क्षेत्र माना जाता है। यहां भारतीय सेना हर मौसम में तैनात रहती है, और तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक भी गिर सकता है। आम नागरिकों के लिए यह क्षेत्र बंद है, लेकिन यहां की स्थितियाँ यह दर्शाती हैं कि लद्दाख किस स्तर की ठंड का सामना करता है।

गर्मी में भी ठंड की चादर

जब भारत के बाकी हिस्सों में लोग पंखा और AC भी काम में लाते हुए बेहाल होते हैं, तब लद्दाख में रजाई ओढ़नी पड़ती है। जून-जुलाई जैसे गर्मी के महीनों में भी यहां की अधिकतम तापमान सीमा लगभग 15 डिग्री सेल्सियस रहती है, जो इसे गर्मी से राहत पाने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बनाती है।

लद्दाख का रहन-सहन और स्थानीय जीवनशैली

यहां के लोग ठंड के अनुसार अपना जीवन ढाल चुके हैं। उनके घर मोटे पत्थरों और लकड़ी से बनाए जाते हैं, जिससे अंदर की गर्मी बाहर न जाए। उनके पहनावे में ऊनी वस्त्र और शरीर को गर्मी देने वाले पारंपरिक खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। उनका जीवनशैली भारत के अन्य भागों से बिल्कुल अलग है—सादा, परंतु व्यावहारिक।

गर्मी से बचने का स्वर्ग

लद्दाख की ठंडक, सुंदर वादियां और शांति इसे एक बेहतरीन टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाती हैं। हर साल गर्मी से राहत पाने के लिए हजारों सैलानी यहां आते हैं। लेह, पैंगोंग झील, नुब्रा घाटी जैसे आकर्षण इसे गर्मियों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला स्थान बनाते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांति का अनुभव एक बार करने के बाद बार-बार आने का मन करता है।

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GyanOK
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