EPF Interest: 7 करोड़ कर्मचारियों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा झटका, EPF ब्याज में नहीं की बढ़ोतरी

EPF ब्याज दर 2024-25 के लिए 8.25% पर बरकरार रखी गई है। यह निर्णय EPFO की 237वीं बैठक में लिया गया, जिससे 7 करोड़ कर्मचारियों को कोई राहत नहीं मिली। महंगाई के बीच ब्याज दर स्थिर रहने से निवेशकों की रणनीति प्रभावित हो सकती है।

By GyanOK

EPF Interest: 7 करोड़ कर्मचारियों को मोदी सरकार ने दिया बड़ा झटका, EPF ब्याज में नहीं की बढ़ोतरी
EPF Interest

कर्मचारी भविष्य निधि यानी EPF Interest पर केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ब्याज दर को 8.25% पर बनाए रखने का निर्णय लिया है। यह दर ठीक पिछले वर्ष 2023-24 की दर के समान है, जिससे देशभर के करीब 7 करोड़ कर्मचारियों की उन उम्मीदों को झटका लगा है, जो इस बार ब्याज दर में बढ़ोतरी की आस लगाए बैठे थे। सरकार का यह फैसला ईपीएफओ (EPFO) की 237वीं बैठक में फरवरी 2024 में लिया गया था, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने की थी।

EPFO की स्थिर ब्याज नीति और कर्मचारियों की प्रतिक्रिया

EPFO की ब्याज दर पिछले कुछ वर्षों से लगभग स्थिर बनी हुई है। 2020-21 में 8.5%, फिर 2021-22 में यह घटकर 8.1% हो गई, जो चार दशकों में सबसे निचला स्तर रहा। इसके बाद 2022-23 में मामूली बढ़ोतरी के साथ यह 8.15% और 2023-24 में 8.25% तक पहुंची। 2024-25 में इसे फिर से 8.25% पर ही बरकरार रखा गया है।

इस स्थिरता से कर्मचारी वर्ग में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली है। जहां एक ओर कुछ निवेशक इसे सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प मानते हैं, वहीं कई लोग महंगाई दर के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए इसे अपर्याप्त मानते हैं।

वित्त मंत्रालय की स्वीकृति और आधिकारिक घोषणा

श्रम मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, वित्त मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और इसे आधिकारिक रूप से लागू करने के निर्देश ईपीएफओ को भेज दिए गए हैं। अब यह ब्याज दर 2024-25 के लिए वैध रूप से लागू मानी जाएगी और उसी के अनुसार कर्मचारियों के खातों में ब्याज की गणना और जमा की जाएगी।

ब्याज दर स्थिर रहने का दीर्घकालिक प्रभाव

EPF एक सुरक्षित निवेश योजना मानी जाती है, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो लंबी अवधि में बचत और रिटायरमेंट प्लानिंग पर निर्भर करते हैं। लेकिन जब महंगाई की दर लगातार बढ़ रही हो और EPF ब्याज दर स्थिर बनी रहे, तो यह अंतर रियल रिटर्न को प्रभावित करता है।

इस स्थिति में कर्मचारियों और निवेशकों को अपने फाइनेंशियल पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी पड़ सकती है। कुछ लोग अब रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy, म्यूचुअल फंड्स, या आईपीओ-IPO जैसे विकल्पों की ओर भी रुख कर सकते हैं।

EPF की तुलना अन्य निवेश विकल्पों से

EPF पर मिलने वाला 8.25% ब्याज दर अभी भी कई पारंपरिक निवेश विकल्पों जैसे कि बैंक FD या PPF से अधिक है, लेकिन बाजार आधारित योजनाओं से कम रिटर्न की संभावना के कारण इसे पूरी तरह से आकर्षक नहीं कहा जा सकता।

कर्मचारी अक्सर उम्मीद करते हैं कि सरकार हर वर्ष उनकी बचत को बेहतर रिटर्न देने के लिए ब्याज दर में वृद्धि करेगी, लेकिन लगातार स्थिर दरों से यह उम्मीद कमजोर पड़ रही है।

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