
भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) जल्द ही हो सकता है। दोनों देशों के बीच काफी समय से बातचीत चल रही है और अब कई जरूरी मुद्दों पर सहमति बन चुकी है। ऐसा माना जा रहा है कि जुलाई के पहले हफ्ते तक यह समझौता पूरा हो सकता है। यह डील दोनों देशों के लिए काफी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे आर्थिक रिश्ते और मजबूत होंगे।
अमेरिका की मांग और भारत की रणनीति
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में कहा है कि भारत ज़्यादातर टैरिफ (Tariffs) यानी आयात पर लगने वाले शुल्क हटाने को तैयार हो गया है। लेकिन भारत अपनी ओर से यह साफ कर चुका है कि वह अपने स्थानीय उत्पादों की सुरक्षा के लिए टैरिफ बनाए रखना चाहता है। भारत चाहता है कि उसके उत्पादों को अमेरिका के बाजार में बराबरी का मौका मिले, और साथ ही उसके पेशेवरों को भी वहां नौकरी और व्यापार करने का अवसर मिले।
पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा
भारत के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। वहां वह अमेरिकी अधिकारियों से बात कर रहे हैं। उनकी बातचीत कई मुद्दों पर हो रही है जैसे – कृषि, आईटी सेवाएं (IT Services), बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) और टैरिफ। भारत की कोशिश है कि यह समझौता केवल सामान बेचने या खरीदने तक ही सीमित न रहे, बल्कि दोनों देशों के लोगों और कंपनियों को बराबर के मौके मिलें।
अमेरिका चाहता है भारतीय बाजार में बड़ी हिस्सेदारी
अमेरिका की कोशिश है कि उसके उत्पाद भारत में आसानी से बिक सकें। इसके लिए वह चाहता है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर लगने वाला शुल्क कम करे या हटा दे। फिलहाल अमेरिका ने 9 जुलाई तक भारत पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को अस्थायी रूप से हटा दिया है। हालांकि, 10 प्रतिशत का मूल शुल्क अभी भी जारी है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि 9 जुलाई से पहले ही समझौता हो सकता है।
भारत और मालदीव के बीच मजबूत होता रिश्ता
भारत ने हाल ही में मालदीव के साथ 13 अहम समझौते किए हैं। इन समझौतों का मकसद मालदीव में नौका सेवाओं का विस्तार, समुद्री संपर्क बेहतर करना और स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाना है। ये सभी योजनाएं भारत की ओर से दी गई अनुदान सहायता योजना के तहत की जा रही हैं, जिसे “उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना – चरण 3” कहा जाता है।
इन 13 परियोजनाओं पर कुल 10 करोड़ मालदीव रुपये, यानी लगभग 55 करोड़ भारतीय रुपये खर्च किए जाएंगे। इन समझौतों पर भारत के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम और मालदीव के विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील ने हस्ताक्षर किए हैं। इससे साफ है कि भारत सिर्फ बड़े देशों से नहीं, बल्कि अपने पड़ोसियों से भी अच्छे रिश्ते बना रहा है और उनकी तरक्की में मदद कर रहा है।