दिल्ली में ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ होगी कार्रवाई, सरकार ने दिए सख्त निर्देश

दिल्ली सरकार ने अवैध ई-रिक्शा और जुगाड़ रिक्शा पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बिना लाइसेंस, इंश्योरेंस और वैध दस्तावेजों के संचालन करने वाले वाहनों को अब ज़ब्त किया जाएगा। 15 साल से पुराने ऑटो रिक्शा को भी लाइसेंस नहीं मिलेगा। यह कदम दिल्ली की ट्रैफिक और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में लिया गया है।

By GyanOK

दिल्ली में ई-रिक्शा चालकों के खिलाफ होगी कार्रवाई, सरकार ने दिए सख्त निर्देश
E-Rickshaw Ban

दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए सड़कों पर बिना लाइसेंस, इंश्योरेंस और रजिस्ट्रेशन के दौड़ रहे ई-रिक्शा और जुगाड़ रिक्शाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया है। ये वाहन न केवल कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि आम जनता की सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए भी बड़ी चुनौती बन चुके हैं। ट्रांसपोर्ट यूनियन और स्थानीय नागरिकों की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए सरकार ने यह कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।

ये अवैध वाहन अक्सर बिना किसी सुरक्षा मानकों के चलते हैं, जिनमें चालक के पास आवश्यक दस्तावेज नहीं होते और वाहन तकनीकी रूप से भी खराब स्थिति में होते हैं। सरकार अब इन्हें बर्दाश्त नहीं करेगी।

परिवहन विभाग को कार्रवाई के निर्देश

इस संदर्भ में परिवहन विभाग को सख्त निर्देश जारी कर दिए गए हैं। विशेष आयुक्त की अध्यक्षता में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी ऐसे ई-रिक्शा और जुगाड़ रिक्शा, जो मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर चल रहे हैं, उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। इसके लिए शहर के सभी क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाया जाएगा, जिसमें परिवहन निरीक्षक, स्थानीय पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियां शामिल होंगी।

बिना एग्रीगेटर लाइसेंस चलने वाली ऐप आधारित सेवाएं भी कार्रवाई के घेरे में

दिल्ली सरकार की यह सख्ती केवल ई-रिक्शा तक सीमित नहीं है। ऐप आधारित राइड-शेयरिंग सेवाएं, जैसे कि बिना एग्रीगेटर लाइसेंस के दिल्ली की सड़कों पर चल रही प्राइवेट कार और बाइकें भी अब सरकार की नजर में हैं। ये सेवाएं ‘दिल्ली मोबाइल एप’ के माध्यम से यात्रियों को सेवाएं दे रही हैं लेकिन कानूनी मंजूरी के बिना।

अब इन्हें भी जांच के दायरे में लाया जाएगा और नियमों के उल्लंघन की स्थिति में उन्हें ज़ब्त कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि Ride-sharing सेवाएं भी कानूनी रूप से नियंत्रित हों और यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।

15 साल से पुराने ऑटो रिक्शा को लाइसेंस नहीं मिलेगा

सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि अब 15 साल से पुराने ऑटो रिक्शा, जो पहले ही डीरजिस्टर्ड हो चुके हैं, उन्हें किसी भी परिस्थिति में फिर से लाइसेंस नहीं दिया जाएगा। यदि कोई वाहन स्वामी अपने पुराने ऑटो को रिप्लेस करना चाहता है, तो उसे पहले पुराने वाहन को स्क्रैप कराना होगा। इसके बाद ही वह नया वाहन रजिस्टर करवा सकेगा और उसे P-3 लाइसेंस मिलेगा।

इस नियम से दिल्ली में पर्यावरण के अनुकूल, तकनीकी रूप से बेहतर और सुरक्षित ऑटो रिक्शा का संचालन सुनिश्चित होगा। यह कदम प्रदूषण नियंत्रण और सड़कों की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

सार्वजनिक परिवहन में नियमबद्धता और सुरक्षा की ओर बढ़ता कदम

सरकार की इस व्यापक कार्रवाई के पीछे उद्देश्य है – सुरक्षित, कानूनी और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का निर्माण। दिल्ली जैसे महानगर में ट्रैफिक का दवाब लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में अवैध और असुरक्षित वाहनों का संचालन ना केवल ट्रैफिक को अव्यवस्थित करता है, बल्कि यात्रियों के जीवन को भी खतरे में डालता है।

यह पहल न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करेगी, बल्कि Renewable Energy से संचालित वाहनों को प्राथमिकता देकर सरकार के पर्यावरणीय लक्ष्यों को भी मजबूती देगी।

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